Edited By Rohini Oberoi,Updated: 30 Mar, 2025 10:28 AM

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने गूगल पर प्ले स्टोर से संबंधित नीतियों के मामले में लगाए गए 936.44 करोड़ रुपये के जुर्माने को घटाकर 216.69 करोड़ रुपये कर दिया है। हालांकि एनसीएलएटी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा 25...
नेशनल डेस्क। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने गूगल पर प्ले स्टोर से संबंधित नीतियों के मामले में लगाए गए 936.44 करोड़ रुपये के जुर्माने को घटाकर 216.69 करोड़ रुपये कर दिया है। हालांकि एनसीएलएटी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा 25 अक्टूबर 2022 को दिया गया दंड बरकरार रखा। सीसीआई ने गूगल पर अपने प्ले स्टोर की नीतियों का गलत तरीके से इस्तेमाल करने और अपनी मजबूत बाजार स्थिति का अनुचित लाभ उठाने का आरोप लगाते हुए यह जुर्माना लगाया था। गूगल ने इस फैसले को एनसीएलएटी में चुनौती दी थी।
प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन
एनसीएलएटी के चेयरमैन जस्टिस अशोक भूषण और तकनीकी सदस्य बरुण मित्रा की पीठ ने 104 पेज के फैसले में कहा कि गूगल ने प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करते हुए अपने बाजार में प्रभुत्व का गलत इस्तेमाल किया है। हालांकि कुछ आरोपों में उल्लंघन साबित नहीं हो सका है, और अगर भविष्य में यह साबित होता है तो जुर्माने की राशि और बढ़ाई जा सकती है। यह जुर्माना गूगल के पिछले तीन साल के कारोबार पर आधारित था।
30 दिन में जुर्माना जमा करना होगा
एनसीएलएटी ने आदेश दिया कि गूगल ने पहले ही अपील के दौरान जुर्माने की 10 प्रतिशत राशि जमा कर दी है अब उसे शेष 90 प्रतिशत राशि 30 दिनों के भीतर जमा करनी होगी। अब यह देखना होगा कि गूगल इस फैसले को स्वीकार करता है या फिर वह इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देता है।
गूगल की ओर से रोक लगाने की मांग
गूगल ने एनसीएलएटी से अपील की थी कि सीसीआई द्वारा 25 अक्टूबर 2022 को लगाए गए जुर्माने पर रोक लगाई जाए। इसमें गूगल को प्ले स्टोर पर अनुचित गतिविधियों को रोकने और उनसे दूर रहने का आदेश भी दिया गया था।
गूगल को मिलने वाली राहत
एनसीएलएटी के फैसले के बाद, गूगल को कुछ राहत भी मिली है:
➤ ऐप डेवलपर्स को अब थर्ड पार्टी बिलिंग और पेमेंट सर्विसेज का इस्तेमाल करने की अनुमति मिलेगी।
➤ गूगल अब डेवलपर्स पर किसी प्रकार का एंटी-स्टीयरिंग प्रतिबंध नहीं लगाएगा जिससे वे अपने ऐप्स को प्रमोट कर सकेंगे।
➤ गूगल यूपीआई भुगतान सेवाओं के मामले में किसी भी ऐप के साथ भेदभाव नहीं कर सकेगा।
यह फैसला गूगल के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है जिससे उसके संचालन पर असर पड़ेगा।