Edited By Mahima,Updated: 18 Jan, 2025 10:23 AM
गूगल का सर्च इंजन मार्केट हिस्सेदारी घटकर 90% से नीचे आ गई है, जिससे गूगल को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। Bing और AI-आधारित सर्च इंजन जैसे ChatGPT की बढ़ती लोकप्रियता इसका मुख्य कारण हैं। गूगल को अपनी रणनीतियों में बदलाव करने की आवश्यकता...
नेशनल डेस्क: सर्च इंजन के बाजार में गूगल का दबदबा लंबे समय से कायम रहा है। इसके सर्च इंजन ने ना केवल इंटरनेट यूज़र्स का सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया है, बल्कि इसके एल्गोरिदम ने हर सर्च क्वेरी को सबसे बेहतर तरीके से जवाब दिया है। लेकिन अब यह स्थिति बदलती हुई नजर आ रही है। गूगल की मार्केट हिस्सेदारी में गिरावट देखने को मिल रही है, और इसके पीछे एक बड़ा कारण AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित सर्च इंजन का उदय है।
गूगल का घटा मार्केट शेयर
Statcounter की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के आखिरी तीन महीनों में गूगल की सर्च इंजन मार्केट हिस्सेदारी 90% से भी नीचे गिर गई है। अक्टूबर में गूगल का सर्च इंजन मार्केट शेयर 89.34% था, नवंबर में यह थोड़ा बढ़कर 89.99% हुआ, लेकिन दिसंबर में यह फिर से घटकर 89.74% तक आ गया। गूगल के लिए यह एक बड़ी गिरावट है क्योंकि यह पहली बार नहीं हुआ जब उसका मार्केट शेयर इतना कम हुआ हो, इससे पहले 2015 में भी गूगल का बाजार हिस्सेदारी 90% से नीचे गिरा था।
Microsoft के Bing को मिली बढ़त
इस गिरावट का सबसे बड़ा फायदा Microsoft के Bing सर्च इंजन को हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की आखिरी छमाही में Bing की मार्केट हिस्सेदारी 4% तक पहुंच गई है। यह गूगल के लिए एक चिंता का विषय बन सकता है क्योंकि Bing का पहले की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन हुआ है। यह वृद्धि Bing की AI तकनीक और ChatGPT जैसी स्मार्ट टूल्स के साथ जुड़ी हुई है, जिससे उपयोगकर्ताओं का रुझान तेजी से इस सर्च इंजन की तरफ बढ़ा है। हालांकि, Bing अभी भी गूगल से बहुत पीछे है, लेकिन यह वृद्धि दर्शाती है कि धीरे-धीरे Bing सर्च इंजन के प्रति उपयोगकर्ताओं का विश्वास बढ़ रहा है।
AI के प्रभाव से गूगल को हो रही चुनौती
गूगल की बादशाहत को अब केवल पारंपरिक सर्च इंजन से ही नहीं, बल्कि AI-आधारित सर्च इंजन से भी कड़ी चुनौती मिल रही है। ChatGPT और Perplexity जैसे सर्च इंजन तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं, जो उपयोगकर्ताओं को AI की मदद से सटीक और सटीक परिणाम प्रदान करते हैं। ये AI सर्च इंजन गूगल के पारंपरिक सर्च इंजन को टक्कर दे रहे हैं और लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। हालांकि, Statcounter ने अपनी रिपोर्ट में इन AI सर्च इंजनों का विश्लेषण नहीं किया, लेकिन ये साफ है कि AI की बढ़ती लोकप्रियता गूगल के लिए खतरे की घंटी बन सकती है।
गूगल के लिए बढ़ती कानूनी और बाजार संबंधी चुनौतियां
गूगल की मार्केट हिस्सेदारी में गिरावट के कई कारण हैं। इसके अलावा, गूगल पर कई देशों में अवैध तरीके से बाजार में एकाधिकार स्थापित करने का आरोप भी लगा है, जिसकी वजह से गूगल पर जांच हो रही है। गूगल की ओर से किए गए अनुशासनहीन व्यापारिक कृत्य और प्रतिस्पर्धा को दबाने के प्रयासों पर निगरानी रखी जा रही है। इन कानूनी जटिलताओं और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते गूगल को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
कैसी है वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा
हालांकि, गूगल के पास अभी भी अधिकांश सर्च इंजन बाजार पर नियंत्रण है, लेकिन इसका दबदबा धीरे-धीरे कम हो रहा है। 90% से ऊपर का मार्केट शेयर खोना गूगल के लिए एक बड़ा संकेत है। इसका मतलब यह भी है कि अन्य कंपनियों और एआई आधारित सर्च इंजन की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। अगर गूगल ने अपनी रणनीतियों में बदलाव नहीं किया, तो आने वाले समय में उसे और भी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। गूगल की सर्च इंजन मार्केट हिस्सेदारी में गिरावट आ रही है, और इसके साथ ही अन्य सर्च इंजन, जैसे Bing, बढ़ते जा रहे हैं। Bing का 4% बाजार हिस्सेदारी तक पहुंचना गूगल के लिए एक खतरे की घंटी है। इसके अलावा, AI आधारित सर्च इंजन जैसे ChatGPT और Perplexity भी गूगल की स्थिति को चुनौती दे रहे हैं। गूगल के लिए यह समय अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने का है, क्योंकि सर्च इंजन बाजार में बदलाव तेजी से हो रहा है।