Google ने हटाए 331 खतरनाक ऐप्स, कहीं आपके फोन में तो नहीं है इनमें से कोई?

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 23 Mar, 2025 12:20 PM

google removed 331 dangerous apps

साइबर सुरक्षा कंपनी Bitdefender के रिसर्चर्स ने हाल ही में Google Play Store पर पाए गए 331 खतरनाक ऐप्स का खुलासा किया है, जिनका उद्देश्य यूज़र्स की व्यक्तिगत जानकारी चुराना और विज्ञापन धोखाधड़ी करना था।

नेशनल डेस्क: साइबर सुरक्षा कंपनी Bitdefender के रिसर्चर्स ने हाल ही में Google Play Store पर पाए गए 331 खतरनाक ऐप्स का खुलासा किया है, जिनका उद्देश्य यूज़र्स की व्यक्तिगत जानकारी चुराना और विज्ञापन धोखाधड़ी करना था। इन ऐप्स को एक बड़े साइबर फ्रॉड अभियान, जिसे Vapor Operation के नाम से जाना जाता है, के तहत डिजाइन किया गया था। इन ऐप्स ने Android 13 की सुरक्षा को भी बायपास कर लिया था और 60 मिलियन से ज्यादा बार डाउनलोड किए गए थे।

Vapor Operation क्या है?

Vapor Operation एक बड़े साइबर अपराधियों द्वारा चलाए गए धोखाधड़ी अभियान का हिस्सा था। शुरुआत में इसमें 180 ऐप्स शामिल थे, जो रोजाना लगभग 200 मिलियन फर्जी विज्ञापन अनुरोध भेजते थे। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़कर 331 ऐप्स तक पहुँच गई है, जो अलग-अलग श्रेणियों में फैले हुए थे, जैसे Health Trackers, QR Scanners, Notes Apps, और Battery Optimizers। इनमें से कई ऐप्स की डाउनलोड संख्या लाखों में थी, जैसे AquaTracker, ClickSave Downloader, और Scan Hawk, जिन्हें 1 मिलियन से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया गया था।

कौन से ऐप्स थे खतरनाक?

कुछ प्रमुख ऐप्स जिनमें यह खतरनाक कोड था, उनमें AquaTracker, ClickSave Downloader, Scan Hawk, TranslateScan, और BeatWatch शामिल हैं। यह ऐप्स पहले सामान्य विज्ञापन दिखाने वाले ऐप्स की तरह काम करते थे, लेकिन बाद में अपडेट्स के जरिए खतरनाक कोड भेजे गए थे। इन ऐप्स के जरिए यूज़र्स की निजी जानकारी चुराई जाती थी।

कैसे काम करते थे ये ऐप्स?

इन ऐप्स को शुरू में सामान्य विज्ञापन दिखाने वाले ऐप्स के रूप में पेश किया गया था। लेकिन, समय के साथ इन ऐप्स में अपडेट्स आए, जिन्होंने कमांड-एंड-कंट्रोल (C2) सर्वर से खतरनाक कोड प्राप्त किया। इन ऐप्स ने अपनी पहचान छिपाने के लिए अपने आइकन को होम स्क्रीन से हटा दिया और कुछ ऐप्स ने तो अपने नाम बदलकर ऐसे नाम रखे, जैसे Google Voice, ताकि यूज़र्स को धोखा दिया जा सके। इन ऐप्स का मुख्य उद्देश्य बिना किसी यूज़र इंटरेक्शन के काम करना था। ये ऐप्स फुल-स्क्रीन विज्ञापन दिखाकर फोन को हैंग कर देते थे और कई बार यूज़र्स को फेक लॉगिन पेज पर भेजकर उनकी Facebook, YouTube, और पेमेंट गेटवे की जानकारी चुराने की कोशिश करते थे। कुछ ऐप्स तो यूज़र्स को यह चेतावनी देते थे कि "आपका फोन वायरस से संक्रमित है" और इसके बाद यूज़र्स को और मैलवेयर डाउनलोड करने के लिए मजबूर किया जाता था।

कौन से देश थे प्रभावित?

यह खतरनाक ऐप्स मुख्य रूप से उन देशों में ज्यादा डाउनलोड किए गए थे, जहां लोग साइबर सुरक्षा के प्रति कम जागरूक थे। ब्राज़ील, अमेरिका, मैक्सिको, तुर्की, और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में इन ऐप्स की सबसे ज्यादा डाउनलोडिंग हुई थी। हालांकि, भारत जैसे देशों में भी यह ऐप्स तकनीकी जानकारी कम रखने वाले यूज़र्स के लिए बड़ा खतरा बने हुए थे।

Google का कदम और सुरक्षा उपाय

Google ने इन खतरनाक ऐप्स को Play Store से हटा दिया है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, कुछ ऐप्स अभी भी उपलब्ध थे। Bitdefender के शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि इन ऐप्स को यूज़र्स के मोबाइल फोन से पूरी तरह से हटाना जरूरी है। इसके लिए, यूज़र्स को इन ऐप्स को अनइंस्टॉल करने की सलाह दी गई है और साथ ही अपनी फोन सुरक्षा की जांच करने की भी अपील की गई है।

क्या आप प्रभावित हैं?

अगर आपने हाल ही में इन ऐप्स को डाउनलोड किया है तो सबसे पहले इन्हें अपने फोन से हटा दें। इसके अलावा, यदि आपने फिशिंग, फेक लॉगिन पेज, या फुल-स्क्रीन विज्ञापनों के कारण कोई संदिग्ध गतिविधि महसूस की हो, तो तुरंत अपने बैंक डिटेल्स और पासवर्ड बदलें। अपनी मोबाइल सुरक्षा को प्राथमिकता दें और केवल विश्वसनीय ऐप्स का ही इस्तेमाल करें।

 

 

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