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Google ने Play Store से हटाए 180 से ज्यादा ऐप्स, जानें क्या है वजह

Edited By Parminder Kaur,Updated: 08 Mar, 2025 02:16 PM

google removed more than 180 apps from play store

गूगल ने हाल ही में एक बड़े ऐड-फ्रॉड स्कीम का पता चलने के बाद अपने Play Store से 180 से ज्यादा ऐप्स को हटा दिया है। इस धोखाधड़ी ने 56 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड्स को प्रभावित किया, जिससे यूजर्स, विज्ञापनदाताओं और ऐप डेवलपर्स को बड़ा नुकसान हुआ। Forbes...

नेशनल डेस्क. गूगल ने हाल ही में एक बड़े ऐड-फ्रॉड स्कीम का पता चलने के बाद अपने Play Store से 180 से ज्यादा ऐप्स को हटा दिया है। इस धोखाधड़ी ने 56 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड्स को प्रभावित किया, जिससे यूजर्स, विज्ञापनदाताओं और ऐप डेवलपर्स को बड़ा नुकसान हुआ।

Forbes की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल ने इस समस्या से निपटने के लिए सुरक्षा पैच जारी किए और स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की। हालांकि, इन उपायों से पूरी तरह से समस्या हल नहीं हो सकी, जिसके बाद गूगल के पास धोखाधड़ी करने वाले ऐप्स को Play Store से हटाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था।

क्या है ऐड-फ्रॉड स्कीम?

ऐड-फ्रॉड स्कीम सामान्य मैलवेयर से अलग होती है। यह डेटा चुराने या डिवाइस को नुकसान पहुंचाने के बजाय अपराधी विज्ञापनदाताओं को नकली यूजर एंगेजमेंट के लिए पैसे दिलवाते हैं। इन ऐप्स द्वारा किए गए नकली इंटरैक्शन्स से ऐसा लगता है कि विज्ञापन असली यूजर्स को दिखाए जा रहे हैं, जबकि असल में ऐसा नहीं होता। कुछ मामलों में यूजर्स को विज्ञापन तो दिखाई देते हैं, लेकिन इतनी ज्यादा फ्रीक्वेंसी के साथ कि उनका ऐप अनुभव खराब हो जाता है और वे Play Store से दूर जा सकते हैं।

भ्रामक ऐप्स द्वारा किया गया फ्रॉड

इन अपराधियों ने भ्रामक ऐप्स बनाए और उन्हें लोकप्रिय श्रेणियों में लिस्ट किया। यूजर्स इन ऐप्स को अनजाने में डाउनलोड कर लेते थे, जिसके बाद उन्हें अनावश्यक विज्ञापनों का सामना करना पड़ता था। कुछ ऐप्स में न तो कोई विजिबल आइकन और न ही 'ओपन' बटन था, जिससे यूजर्स के लिए इन ऐप्स को ढूंढना और हटाना मुश्किल हो जाता था।

विज्ञापनदाताओं और ऐप डेवलपर्स को भी हुआ नुकसान

यह स्कीम सिर्फ यूजर्स को नुकसान नहीं पहुंचाती थी, बल्कि विज्ञापनदाताओं को भी प्रभावित किया, जो अपने प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने के लिए पैसे खर्च करते हैं। इसके अलावा उन ऐप डेवलपर्स को भी नुकसान हुआ जो विज्ञापन रेवेन्यू पर निर्भर रहते थे। इस स्कीम ने Google Play Protect को भी चकमा दिया, जो Android का एक बिल्ट-इन सिक्योरिटी फीचर है और हानिकारक ऐप्स से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है।

Google का कदम और IAS की मदद

Google ने इस मुद्दे से निपटने के लिए Integral Ad Science (IAS) के साथ मिलकर काम किया। IAS ने इस धोखाधड़ी ऑपरेशन को रोकने में मदद की और अन्य इंडस्ट्री पार्टनर्स के साथ मिलकर नुकसान को सीमित किया।

Google ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "Google Play Protect यूजर्स को चेतावनी देगा और इन ऐप्स को ऑटोमैटिकली डिसेबल कर देगा, भले ही वे Google Play के बाहर के सोर्स से आए हों।"

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