बेटे का सुख नहीं मिलने पर पिता की अर्थी को 11 बहनों ने दिया कंधा...अंतिम यात्रा देख पूरा गांव रोया

Edited By Anu Malhotra,Updated: 21 Sep, 2024 12:24 PM

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जयपुर के ब्रह्मपुरी स्थित सीताराम बाजार निवासी गोवर्धन दास बूसर (92) की अंतिम यात्रा भावुक तरीके से निकाली गई। उनका कोई बेटा नहीं था, इसलिए उनकी 11 बेटियों ने उन्हें कंधा दिया, जिससे वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं।

नेशनल डेस्क: जयपुर के ब्रह्मपुरी स्थित सीताराम बाजार निवासी गोवर्धन दास बूसर (92) की अंतिम यात्रा भावुक तरीके से निकाली गई। उनका कोई बेटा नहीं था, इसलिए उनकी 11 बेटियों ने उन्हें कंधा दिया, जिससे वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं। 

जयपुर के नटाणियों का रास्ता इलाके में लंबे समय से किराना दुकानदार गोवर्धन दास को करीब 40 साल तक अपनी दुकान चलाने के बाद स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण अपनी दुकान बंद करनी पड़ी। उनकी 11 बेटियों में से 8 की शादी जयपुर में हुई है, जबकि अन्य की ससुराल मुंबई, अजमेर और उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में है। 

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उनकी बेटी अंजू गुप्ता ने बताया कि कैसे उनके पिता अपनी तबीयत खराब होने तक साइकिल से अपनी दुकान और अन्य जगहों पर जाते रहे। उनकी बीमारी के बावजूद सभी बेटियों ने उनकी देखभाल की। ​​कागदीवाड़ा श्मशान घाट पर एक मार्मिक क्षण में उनके पोते बबलू ने अपने प्यारे दादा की चिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।

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