Edited By Mahima,Updated: 24 Oct, 2024 04:52 PM
दीवाली से पहले, सरकार ने आम जनता के लिए 25% सस्ती दालें उपलब्ध कराने की घोषणा की है। 'भारत दाल' योजना के तहत, उपभोक्ता चना, मूंग और मसूर जैसी दालें कम कीमत पर खरीद सकते हैं। इसके अलावा, सरकार प्याज की कीमतों को स्थिर करने के लिए अपने बफर स्टॉक का...
नेशनल डेस्क: दीवाली का त्योहार नजदीक है और इस मौके पर आम लोगों के लिए सरकार ने खुशखबरी दी है। भारत में दालों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए, सरकार ने कुछ स्थानों पर 25 प्रतिशत तक सस्ती दालें बेचने का ऐलान किया है। इस पहल के तहत, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने ‘भारत दाल’ नामक योजना के माध्यम से साबुत चना और मसूर दाल को कम दाम पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
सस्ती दालों की कीमतें
सरकार की इस नई पहल के तहत, विभिन्न प्रकार की दालें अब किफायती दरों पर उपलब्ध होंगी। इन दालों की खरीदारी आप कॉपरेटिव रिटेल नेटवर्क और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से कर सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख दालों की कीमतें दी गई हैं:
- साबुत चना: 58 रुपये प्रति किलोग्राम
- चना दाल: 70 रुपये प्रति किलोग्राम
- मूंग दाल: 107 रुपये प्रति किलोग्राम
- साबुत मूंग दाल: 93 रुपये प्रति किलोग्राम
- मसूर दाल: 89 रुपये प्रति किलोग्राम
'भारत दाल' योजना का विस्तार
‘भारत दाल’ योजना के दूसरे चरण की शुरुआत को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “यह पहल उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर आवश्यक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।” इस योजना के तहत, दालों की बिक्री मोबाइल वैन के माध्यम से की जाएगी, जिससे लोगों को आसानी से सस्ती दालें मिल सकेंगी।
प्याज की बिक्री भी शुरू
इसके साथ ही, सरकार ने प्याज की कीमतों को स्थिर रखने के लिए भी कदम उठाए हैं। ‘भारत दाल’ पहल के दूसरे चरण में, सरकार ने अपने बफर स्टॉक से 3 लाख टन चना और 68,000 टन मूंग आवंटित किया है। इसके अलावा, मूल्य स्थिरीकरण के लिए रबी फसल से 4.7 लाख टन प्याज भी खरीदा गया है। 5 सितंबर से बफर स्टॉक से प्याज की बिक्री शुरू हो चुकी है, जिसमें अब तक 1.15 लाख टन प्याज बेचा जा चुका है।
विभिन्न राज्यों में बिक्री केंद्र
एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ) और नेफेड (राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ) के माध्यम से प्याज की बिक्री 21 राज्यों में 77 केंद्रों और 16 राज्यों में 43 केंद्रों पर की जा रही है।