Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 11 Mar, 2025 12:58 PM

भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। केंद्र सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर IDBI Bank में अपनी 61 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं। इस प्रक्रिया की शुरुआत जनवरी 2023 में हुई थी, जब सरकार ने एक्सप्रेशन ऑफ...
बिजनेस डेस्क: भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। केंद्र सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर IDBI Bank में अपनी 61 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं। इस प्रक्रिया की शुरुआत जनवरी 2023 में हुई थी, जब सरकार ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (Expression of Interest - EOI) जारी किया था। अब यह प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और जल्द ही शेयर खरीद समझौता (Share Purchase Agreement - SPA) फाइनल होने वाला है। सरकार और LIC इस डील के तहत IDBI Bank की मैनेजमेंट कंट्रोल भी ट्रांसफर करेंगे। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी अरुणीश चावला ने हाल ही में इस बात की पुष्टि की कि निजीकरण की प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ़ रही है। हालांकि फाइनल टाइमलाइन तय नहीं हुई है, लेकिन वित्तीय बोलियां (Financial Bids) जल्द ही आमंत्रित की जाएंगी।
कितनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार और LIC?
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सरकार की हिस्सेदारी: 30.48%
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LIC की हिस्सेदारी: 30.24%
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कुल हिस्सेदारी बिक्री: 61%
सरकार और LIC मिलकर IDBI Bank में 61% हिस्सेदारी बेचेंगे। इस हिस्सेदारी की बिक्री के साथ ही बैंक का मैनेजमेंट कंट्रोल भी निजी निवेशकों को सौंपा जाएगा।
डेटा रूम से जुड़ी चिंताओं का हल, अब आगे बढ़ेगी प्रक्रिया
IDBI Bank के निजीकरण की राह में कुछ डेटा रूम से जुड़ी चिंताएं थीं, जिन्हें अब दूर कर दिया गया है। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने इन मुद्दों को हल कर दिया है, जिससे डील के अगले चरण का रास्ता साफ हो गया है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, "अब कोई बड़ी रुकावट नहीं है। डेटा रूम से जुड़े कुछ सवाल थे, जिन्हें सुलझा लिया गया है। जल्द ही वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जाएंगी।"
ड्यू डिलिजेंस (Due Diligence) प्रक्रिया के तहत संभावित निवेशकों को बैंक के वित्तीय आंकड़ों तक पहुंच दी गई थी, जिससे वे बैंक की सही वैल्यूएशन और बोली की रकम तय कर सकें। इस चरण की समाप्ति के साथ अब डील अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुकी है।
लंबे समय से चल रही है प्रक्रिया
IDBI Bank के निजीकरण की शुरुआत जनवरी 2023 में हुई थी, जब सरकार ने निवेशकों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) मांगा था। तब से कई निवेशकों ने इसमें रुचि दिखाई है। अब जब डेटा रूम से जुड़ी चिंताओं का समाधान हो चुका है, तो सरकार जल्द ही फाइनल निवेशकों के नामों की घोषणा कर सकती है।
सरकार का विनिवेश लक्ष्य और IDBI बैंक की भूमिका
केंद्र सरकार ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में विनिवेश और एसेट मोनेटाइजेशन से 47,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि IDBI Bank के लिए अलग से कोई विशेष बजट आवंटन नहीं किया गया है, लेकिन इस सौदे से सरकार को बड़ी राशि मिलने की उम्मीद है।