Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 07 Feb, 2025 06:20 PM
सरकारी बैंक कर्मचारियों के लिए अगला महीना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि अगले महीने 24 और 25 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल होने वाली है। बैंक यूनियनों ने इसे लेकर गंभीर चिंता जताई है और कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों को लेकर यह आंदोलन किया जाएगा।...
नेशनल डेस्क: सरकारी बैंक कर्मचारियों के लिए अगला महीना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि अगले महीने 24 और 25 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल होने वाली है। बैंक यूनियनों ने इसे लेकर गंभीर चिंता जताई है और कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों को लेकर यह आंदोलन किया जाएगा। सरकारी बैंकों के ग्राहकों के लिए यह खबर मायूसी का कारण बन सकती है, क्योंकि इस दौरान बैंक बंद रहेंगे, और किसी भी जरूरी बैंकिंग कामकाज में देरी हो सकती है। बैंक यूनियनों ने वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा हाल ही में जारी किए गए निर्देशों के खिलाफ विरोध जताया है। इन निर्देशों के अनुसार, कर्मचारियों के प्रदर्शन से जुड़े प्रोत्साहन, नौकरी की सुरक्षा और कर्मचारियों के बीच विभाजन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। यूनियनों का कहना है कि इन दिशा-निर्देशों से कर्मचारियों को खतरा हो सकता है और इससे उनके कामकाजी माहौल पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
इसके अलावा, बैंक कर्मचारियों ने 5 कार्य दिवसों के हफ्ते और संवर्गों में भर्ती की मांग की है। कर्मचारियों की सबसे बड़ी चिंता यह है कि उनका कामकाजी माहौल असुरक्षित हो सकता है और यह उनके भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
आयकर से छूट की भी है मांग
यूएफबीयू (United Forum of Bank Unions) ने अपनी मांगों में एक और अहम मुद्दा उठाया है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी अधिनियम में बदलाव करने और आयकर से छूट देने की भी अपील की है। बैंक यूनियनों का मानना है कि सरकार को कर्मचारियों के हितों की रक्षा करनी चाहिए और नीतिगत बदलावों में उनके विचारों को भी शामिल करना चाहिए।
कर्मचारियों की बढ़ती चिंताएं
यूएफबीयू ने यह भी आरोप लगाया है कि वित्तीय सेवा विभाग का सूक्ष्म प्रबंधन, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्वायत्तता को कमजोर कर रहा है। इसने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ लंबित मुद्दों के समाधान की भी बात की है। इन सभी मुद्दों को लेकर कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, और अब यह हड़ताल एक बड़ा आंदोलन बन सकती है।
क्या कहती है बैंक यूनियनों की प्रतिक्रिया?
एआईबीओसी (All India Bank Officers' Confederation) के महासचिव रूपम रॉय ने कहा है कि यूनियनों ने हड़ताल की तारीखों में बदलाव करने का फैसला लिया है। पहले 24-25 फरवरी, 2025 को हड़ताल की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब यह मार्च में आयोजित होगी। यूनियन का कहना है कि अब समय आ गया है जब सरकार और बैंक प्रबंधन कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से ले और उनका समाधान निकाले।
सरकारी बैंक कर्मचारियों के संगठन
इस हड़ताल के लिए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने एकजुट होकर यह आंदोलन चलाने का फैसला लिया है। इस संगठन में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (AIBOC), राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी परिसंघ (NCBE), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (AIBOA) और भारतीय बैंक कर्मचारी परिसंघ (BEFI) जैसी प्रमुख यूनियनों के सदस्य शामिल हैं। इन संगठनों ने मिलकर बैंक कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए यह कदम उठाया है।
क्या होगा अगर हड़ताल होती है?
अगर यह हड़ताल होती है, तो देशभर के सरकारी बैंक दो दिन के लिए बंद रहेंगे। इससे बैंकिंग से संबंधित सभी कामकाज प्रभावित होंगे। यदि आप 24 या 25 मार्च को बैंक से संबंधित कोई जरूरी काम करने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको पहले ही इसकी जानकारी लेनी चाहिए ताकि कोई परेशानी ना हो।
कौन से बैंक होंगे प्रभावित?
यह हड़ताल सिर्फ सरकारी बैंकों में होगी, जिनमें भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, और अन्य कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक शामिल हैं। निजी बैंकों में यह हड़ताल लागू नहीं होगी, लेकिन सरकारी बैंकों में सेवाएं प्रभावित होने से ग्राहकों को दिक्कत हो सकती है।
क्या है सरकार का रुख?
इस हड़ताल के संदर्भ में सरकार की तरफ से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सरकारी बैंकों के प्रमुख अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही कर्मचारियों के साथ बातचीत करके कोई समाधान निकालेंगे। हालांकि, बैंक यूनियनें इस आंदोलन को जारी रखने की बात कर रही हैं और किसी भी प्रकार के समाधान पर संतुष्ट नहीं हैं।