Edited By Rahul Rana,Updated: 30 Oct, 2024 02:14 PM
सरकार ने दवा कंपनियों से कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 दवाओं की कीमतों को कम करने के लिए कहा है ताकि सीमा शुल्क छूट और माल एवं सेवा कर में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सके।
नेशनल डेस्क। सरकार ने दवा कंपनियों से कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 दवाओं की कीमतों को कम करने के लिए कहा है ताकि सीमा शुल्क छूट और माल एवं सेवा कर में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सके। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर संबंधित दवा निर्माताओं को 3 कैंसर रोधी दवाओं- ट्रैस्टुजुमैब, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य कम करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने यह कदम जीवनरक्षक दवाओं की किफायती कीमतों पर उपलब्धता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप उठाया है।
वहीं रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह कदम वित्त वर्ष 2024-25 के आम बजट में की गई घोषणा का अनुपालन करता है। बता दें कि बजट में तीन कैंसर-रोधी दवाओं को सीमा शुल्क से छूट देने की घोषणा की गई थी। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने इस साल 23 जुलाई को एक अधिसूचना जारी कर तीनों दवाओं पर सीमा शुल्क को शून्य कर दिया था।
वहीं मंत्रालय ने कहा कि बाजार में इन दवाओं की एमआरपी में कमी आनी चाहिए और करों एवं शुल्कों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाना चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एनपीपीए ने उपरोक्त सभी दवाओं के विनिर्माताओं को अपने एमआरपी को कम करने के निर्देश दिए गए हैं।
आगे बताते हुए मंत्रालय ने कहा कि दवा विनिर्माताओं को वितरकों, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार को इन तीनों दवाओं के मूल्य की सूची या पूरक मूल्य सूची देनी होगी जिसमें बदली हुई कीमत का उल्लेख हो सके। कंपनियों को मूल्य परिवर्तन की जानकारी एनपीपीए को देनी होगी।
जानकारी के लिए बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 का बजट पेश करते हुए ट्रैस्टुजुमाब, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमाब पर सीमा शुल्क को 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव भी रखा था।