Edited By Rahul Rana,Updated: 21 Nov, 2024 11:40 AM
कर्नाटक सरकार ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज और टेस्ट की फीस में दोगुनी बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही OPD और ब्लड टेस्ट भी महंगे हो गए हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत आने वाले अस्पतालों में अब मरीजों को 20 प्रतिशत तक अधिक शुल्क चुकाना पड़ेगा।...
नॅशनल डेस्क। कर्नाटक सरकार ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज और टेस्ट की फीस में दोगुनी बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही OPD और ब्लड टेस्ट भी महंगे हो गए हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत आने वाले अस्पतालों में अब मरीजों को 20 प्रतिशत तक अधिक शुल्क चुकाना पड़ेगा। कुछ सेवाओं में तो शुल्क दोगुना कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (BMCRI) और राज्य के अन्य स्वायत्त मेडिकल शिक्षा संस्थानों के अस्पतालों में लागू हो गई है।
अधिकारियों का क्या कहना है?
BMCRI के अधिकारियों ने बताया कि यह शुल्क वृद्धि पांच से छह साल बाद की गई है। अधिकारियों का कहना है कि अस्पतालों के रखरखाव के लिए यह कदम जरूरी था। उन्होंने इसे मामूली बढ़ोतरी बताया है और यह भी स्पष्ट किया कि सभी सेवाओं में 20 प्रतिशत वृद्धि नहीं हुई है, कुछ रक्त परीक्षण अभी भी मुफ्त रहेंगे।
अस्पतालों की फीस में कितनी हुई बढ़ोतरी?
: स्पेशल वार्ड (2 मरीजों के लिए): 750 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है।
: सिंगल बेड स्पेशल वार्ड: 750 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दी गई है।
: जनरल वार्ड: 15 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है।
: ओपीडी रजिस्ट्रेशन फीस: 10 रुपये से दोगुना होकर 20 रुपये हो गई है।
: आंतरिक रोगी रजिस्ट्रेशन फीस: 25 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दी गई है।
: मरीज के बेड का शुल्क: 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है।
: पोस्टमार्टम, चिकित्सा जांच और अन्य प्रमाणपत्रों के लिए शुल्क: 250 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया है।
: मेडिकल बोर्ड प्रमाणपत्र की कीमत: 350 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये हो गई है।
: डाइट की सलाह: 50 रुपये चार्ज किए जाएंगे, और डाइट से संबंधित सलाह के लिए 100 रुपये का नया शुल्क लागू किया जाएगा।
अंत में बता दें कि इस बढ़ी हुई फीस के बाद, सरकारी अस्पतालों में इलाज और टेस्ट के खर्चे में इजाफा हो गया है, जिससे मरीजों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ सकता है।