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हिंदू परिवारों से तीन बच्चे, मंदिरों से सरकारी हस्तक्षेप खत्म! VHP का महाकुंभ में बड़ा निर्णय

Edited By Mahima,Updated: 25 Jan, 2025 09:29 AM

government interference in temples will end vhp s big decision in maha kumbh

महाकुंभ मेला परिसर में वीएचपी की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक हुई, जिसमें देशभर के हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने, हिंदू परिवारों को तीन बच्चे पैदा करने, वक्फ बोर्ड के अधिकारों में सुधार और मथुरा-काशी के मंदिरों की मुक्ति को लेकर...

नेशनल डेस्क: शुक्रवार को महाकुंभ मेला परिसर में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में भारत और अन्य देशों से आए प्रमुख संतों ने भाग लिया और हिंदू समाज की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जरूरतों पर गहन विचार विमर्श किया। इस बैठक के बाद संतों ने कई महत्वपूर्ण निर्णयों की घोषणा की, जो देशभर के हिंदू समाज के लिए असरदार हो सकते हैं।

बैठक में पहला और सबसे प्रमुख निर्णय यह लिया गया कि हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए। संतों ने यह प्रस्ताव रखा कि जिन मंदिरों पर अभी सरकारी नियंत्रण है, उन्हें आस्था रखने वाले भक्तों के हाथों में सौंपा जाए। इसके लिए वीएचपी ने देशभर में एक जागरूकता अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है, जो आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से शुरू हो चुका है। संतों ने स्पष्ट किया कि सरकार को मंदिरों के प्रबंधन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, और मंदिरों को भक्तों के द्वारा संचालित किया जाना चाहिए।

दूसरे निर्णय में, समाज में घटती जन्म दर पर चिंता व्यक्त की गई। संतों ने कहा कि जनसंख्या में असंतुलन की वजह से कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं और इसका समाधान केवल अधिक बच्चों के जन्म से ही संभव है। उन्होंने हिंदू परिवारों से कम से कम तीन बच्चों का स्वागत करने की अपील की, ताकि जनसंख्या संतुलित बनी रहे और समाज में आंतरिक सशक्तिकरण हो सके। तीसरे महत्वपूर्ण निर्णय में, वक्फ बोर्ड के असीमित अधिकारों को नियंत्रित करने के लिए कानूनी सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया। संतों ने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास अत्यधिक अधिकार हैं, जो समाज के लिए असंतुलन पैदा कर सकते हैं, और इसके लिए सरकार को कानून में बदलाव करना चाहिए।

इसके अलावा, संतों ने यह भी घोषणा की कि अयोध्या, मथुरा और काशी के मंदिरों की मुक्ति के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि 1984 के धर्म संसद से लेकर अब तक इन तीनों मंदिरों की मुक्ति के लिए वीएचपी और संघ लगातार काम कर रहे हैं, और भविष्य में भी यह संघर्ष जारी रहेगा। संतों ने इन तीनों स्थलों पर हिंदू धर्म की आस्था के पुनर्निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक के अंतिम निर्णय में, संतों ने समाज से अपील की कि वे सामाजिक समरसता, पर्यावरण की रक्षा, और हिंदू संस्कारों के प्रसार में आगे आएं।

साथ ही, राष्ट्रीय चारित्र्य के विकास के लिए सभी को एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। बैठक में प्रमुख रूप से आचार्य अवधेशानंद गिरि, आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद, वीएचपी के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, और केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा उपस्थित थे। इस बैठक के बाद इन फैसलों के लागू होने के लिए संत समाज और वीएचपी के कार्यकर्ताओं द्वारा आगामी दिनों में एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

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