Edited By Mahima,Updated: 18 Oct, 2024 02:50 PM
उत्तर प्रदेश सरकार दिवाली से पहले 1.86 करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर देने का ऐलान किया है, जो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत किया जा रहा है। इसके लिए 1,890 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण और ग्रामीण परिवारों को...
नेशनल डेस्क: दिवाली का त्योहार इस बार 31 दिसंबर 2024 को मनाया जाएगा, और इससे पहले उत्तर प्रदेश की सरकार ने लोगों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस बार भी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 1.86 करोड़ परिवारों को मुफ्त में गैस सिलेंडर देने का ऐलान किया है। यह योजना दिवाली के अवसर पर लाभार्थियों को मदद पहुंचाने के लिए शुरू की गई है।
योजना की पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त करना और आर्थिक मजबूती प्रदान करना है। इस योजना के तहत, सरकार ने ग्रामीण और गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना शुरू किया, ताकि वे खाना पकाने के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प का इस्तेमाल कर सकें।
मुफ्त गैस सिलेंडर का वितरण
इस बार दिवाली पर 1.86 करोड़ लाभार्थी परिवारों को मुफ्त में गैस सिलेंडर दिए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने 1,890 करोड़ रुपये का खर्च किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर जरूरतमंद परिवार को इसका लाभ मिल सके, सरकार ने इस योजना को बड़े पैमाने पर लागू किया है। पिछले साल भी दिवाली के दौरान 1.85 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए थे, जिसमें 85 लाख से अधिक महिलाएं शामिल थीं। इससे साफ है कि सरकार इस बार भी अपने प्रयासों को जारी रखते हुए लोगों की मदद कर रही है।
सब्सिडी की व्यवस्था
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर, सुरक्षा नली, रेगुलेटर और घरेलू गैस उपभोक्ता कार्ड (डीजीसीसी) उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा, हर महीने लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर पर 300 रुपये की सब्सिडी भी दी जाती है। इससे लाभार्थियों को आर्थिक राहत मिलती है और उन्हें गैस सिलेंडर खरीदने में आसानी होती है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि गरीब और ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित खाना पकाने के लिए गैस का उपयोग करने का अवसर मिले। इससे न केवल खाना पकाने की प्रक्रिया सरल होती है, बल्कि धुएं से होने वाली बीमारियों से भी बचाव होता है। इसके साथ ही, यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह उन्हें घरेलू कामकाज में स्वतंत्रता और आराम देती है।