सोशल मीडिया और OTT पर अश्लील कंटेंट रोकने के लिए सरकार नई नीति तैयार कर रही : अश्विनी वैष्णव

Edited By Utsav Singh,Updated: 27 Nov, 2024 05:01 PM

government is preparing a new policy to stop pornographic  ashwini vaishnav

लोकसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है इस बीच, बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने संसद में सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन प्लेटफार्म्स पर बिना किसी रोक-टोक के अश्लील सामग्री प्रसारित हो रही है, जो...

नेशनल डेस्क : लोकसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है इस बीच, बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने संसद में सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन प्लेटफार्म्स पर बिना किसी रोक-टोक के अश्लील सामग्री प्रसारित हो रही है, जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ है और इसका समाज पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। आइए जानते है कि इस पर केंद्रीय मंत्री अश्निनी वैष्णव ने क्या जवाब दिया। 

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अरुण गोविल के सवाल का जवाब देते हुए कहा, "हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत अंतर है, जहां पर अश्लील कंटेंट प्रदर्शित होते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए मौजूदा कानूनों को और मजबूत करने की आवश्यकता है।" उन्होंने यह भी बताया कि सोशल मीडिया पर भी अश्लील सामग्री प्रसारित की जाती है, और इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे।

आम सहमति की अपील
अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा, "मैं चाहूंगा कि इस मुद्दे पर एक स्थायी समिति बने और इस पर विचार किया जाए। हमें मौजूदा कानूनों को और मजबूत करने की आवश्यकता है और इसके लिए सभी पार्टियों के बीच आम सहमति बनानी चाहिए।" उनका यह बयान लोकसभा में मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है।

नई नीति पर सरकार का काम जारी
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है। उन्होंने कहा, "पहले संपादकीय टीम होती थी, जो पब्लिश होने वाली सामग्री को चेक करती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब हमें इस तरह के कंटेंट पर नियंत्रण पाने के लिए नई नीति की आवश्यकता है।" यह बयान एल मुरुगन, जो केंद्रीय मंत्री हैं, के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ओटीटी कंटेंट को विनियमित करने के लिए नई नीति बना रही है।

दिल्ली हाई कोर्ट को दी गई जानकारी
पिछले साल अगस्त में, सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया था कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और उनके बीच के बिचौलियों को नियंत्रित करने के लिए नियम बना रही है। सरकार का उद्देश्य यह है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की अभद्र भाषा और अपवित्रता से मुक्त सामग्री प्रसारित हो।

अदालत की टिप्पणी और आवश्यक कदम
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सामग्री को विनियमित करने के लिए भारत को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अन्य देशों की तरह भारत को भी इस चुनौती से निपटने के लिए उपयुक्त कानून, दिशानिर्देश, और नियम बनाने चाहिए।

सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार गंभीर प्रयास कर रही है। नई नीति के तहत इन प्लेटफॉर्म्स को विनियमित किया जाएगा और भारत की संस्कृति के अनुरूप सामग्री प्रसारित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। सरकार और अदालत दोनों इस दिशा में गंभीर हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस मुद्दे पर जल्द ही ठोस समाधान निकलेगा।

 

 

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