Edited By Harman Kaur,Updated: 29 Sep, 2024 11:52 AM
कच्चे तेल की कीमतों में कमी का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार अब हर तीन महीने में कीमतों की समीक्षा करने की योजना बना रही है। इसमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क या राज्य वैट में कटौती को नए नियमों से अलग रखा जाएगा। इसका मतलब है कि...
नई दिल्ली: कच्चे तेल की कीमतों में कमी का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार अब हर तीन महीने में कीमतों की समीक्षा करने की योजना बना रही है। इसमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क या राज्य वैट में कटौती को नए नियमों से अलग रखा जाएगा। इसका मतलब है कि कंपनियों को अपने मुनाफे का 10% उपभोक्ताओं को देना होगा। इसके अलावा सरकारें अपने शुल्क में कमी करके भी अतिरिक्त राहत दे सकती हैं।
सूत्रों के अनुसार, अगर कीमतों की समीक्षा तीन महीने में की जाती है, तो नए मूल्य निर्धारित करने के बाद तीन महीने तक कोई बदलाव नहीं होगा। वर्तमान में कंपनियों को पेट्रोल पर 15 रुपए प्रति लीटर का शुद्ध लाभ हो रहा है। अगर 10% लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाता है, तो पेट्रोल की कीमत में डेढ़ रुपए और डीजल में 1.20 रुपए की कमी हो सकती है।
कच्चे तेल में गिरावट, लेकिन उपभोक्ताओं को राहत नहीं
हाल ही में कच्चे तेल की कीमतों में 19% की कमी आई है, लेकिन उपभोक्ताओं को इसका पूरा लाभ नहीं मिल सका है। दरअसल, एक रुपए प्रति बैरल की कमी पर सरकार को सालाना लगभग 13 हजार करोड़ रुपए की बचत होती है।
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