Edited By Anu Malhotra,Updated: 28 Aug, 2024 11:43 AM
देश में करोड़ों असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र से जुड़े वर्कर्स को वृद्धावस्था में आर्थिक मदद प्रदान करना...
नेशनल डेस्क: देश में करोड़ों असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र से जुड़े वर्कर्स को वृद्धावस्था में आर्थिक मदद प्रदान करना है, जब वे काम करने में असमर्थ हो जाते हैं।
योजना की प्रमुख बातें:
पेंशन का लाभ: इस योजना के तहत, असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपए की पेंशन मिलती है।
सहयोग राशि: लाभार्थी जितना योगदान करता है, सरकार भी उतनी ही राशि जोड़ती है। उदाहरण के लिए, यदि आप हर महीने 100 रुपए का योगदान करते हैं, तो सरकार भी 100 रुपए का योगदान करेगी।
निवेश की राशि: आप इस योजना में हर महीने सिर्फ 55 रुपए निवेश करके 3000 रुपए की मासिक पेंशन सुनिश्चित कर सकते हैं।
योग्यता और पात्रता:
उम्र सीमा: इस योजना के तहत 18 से 40 साल तक के असंगठित क्षेत्र के मजदूर आवेदन कर सकते हैं।
लाभार्थी: इसमें ड्राइवर, रेहड़ी लगाने वाले दुकानदार, प्लंबर, दर्जी, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, मिड-डे मील वर्कर, कूड़ा बीनने वाले, हथकरघा, बीड़ी बनाने वाले, कृषि कामगार, धोबी, मोची आदि शामिल हैं।
आय सीमा: असंगठित क्षेत्र के मजदूर की मासिक आय 15,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज: सेविंग बैंक अकाउंट या जन-धन अकाउंट की पासबुक और आधार नंबर होना अनिवार्य है।
यह योजना असंगठित क्षेत्र के कामगारों को वृद्धावस्था में सुरक्षित और आरामदायक जीवन जीने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।