Edited By Utsav Singh,Updated: 22 Oct, 2024 05:11 PM
दिल्ली NCR क्षेत्र में प्रदूषण एक बार फिर से गंभीर स्तर पर पहुँच गया है। इस समस्या से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज 2 लागू कर दिया गया है। आइए जानते हैं जारी किए गए नोटिस में क्या महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं।
नई दिल्ली : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज 2 लागू करने का आदेश दिया है। प्रदूषण ने एक बार फिर से विकराल रूप धारण कर लिया है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली-NCR क्षेत्र में GRAP 2, के नियम लागू कर दिए गए हैं। जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से ऊपर जाता है, तो यह कदम उठाया जाता है। GRAP 2 के तहत डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है, जो 22 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से लागू होगा। आइए जानते है विस्तार से...
क्या है GRAP ?
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा बनाया गया एक योजना है। इसके अंतर्गत प्रदूषण के स्तर के अनुसार विभिन्न चरणों में पाबंदियां लगाई जाती हैं। जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ता है, वैसे-वैसे GRAP के चरण भी बढ़ते हैं।
GRAP के कुल चार स्तर हैं:
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ग्रैप-1: जब हवा का गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 201 से 300 तक होता है, तब पहला चरण लागू होता है।
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ग्रैप-2: अगर AQI 301 से 400 तक पहुंच जाता है, तो दूसरा चरण लागू होता है।
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ग्रैप-3: जब AQI 400 से अधिक हो जाता है, तब तीसरा चरण सक्रिय होता है।
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ग्रैप-4: अगर हालात और खराब हो जाते हैं, तो चौथा स्तर लागू किया जाता है।
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दिशा-निर्देश और उपाय
CAQM ने GRAP-2 लागू करते हुए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो इस प्रकार से हैं...
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सड़क सफाई:
चिन्हित सड़कों पर रोज़ाना मैकेनिकल और वैक्यूम स्वीपिंग की जाएगी। इसके अलावा, पानी का छिड़काव भी किया जाएगा।
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धूल नियंत्रण:
भारी यातायात वाले क्षेत्रों में धूल को रोकने के लिए हर दूसरे दिन धूल अवरोधकों का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, लैंडफिल स्थलों पर एकत्रित धूल का उचित निपटान किया जाएगा।
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निगरानी और निरीक्षण:
धूल नियंत्रण उपायों का सख्ती से पालन करने के लिए निरीक्षण को तेज किया जाएगा, विशेषकर सी और डी श्रेणी की साइटों पर।
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हॉटस्पॉट्स पर कार्रवाई:
एनसीआर में वायु प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और वहां सुधारात्मक उपाय तेज किए जाएंगे।
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बिजली आपूर्ति:
वैकल्पिक बिजली उत्पादन सेट जैसे कि डीजल जनरेटर के उपयोग को कम करने के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
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डीजी सेट का विनियमित संचालन:
औद्योगिक, वाणिज्यिक, और आवासीय क्षेत्रों में डीजल जनरेटर के संचालन की अनुसूची को सख्ती से लागू किया जाएगा।
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यातायात प्रबंधन:
यातायात संचालन को समकालिक करने के लिए चौराहों पर पर्याप्त कर्मियों को तैनात किया जाएगा ताकि यातायात का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित हो सके।
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जन जागरूकता:
लोगों को वायु प्रदूषण के स्तर और प्रदूषण कम करने के उपायों के बारे में जागरूक करने के लिए समाचार पत्रों, टीवी और रेडियो के माध्यम से अलर्ट दिए जाएंगे।
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निजी परिवहन कम करना:
निजी वाहनों का उपयोग कम करने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाए जाएंगे।
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सार्वजनिक परिवहन में सुधार:
सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो सेवाओं को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त बेड़ा शामिल किया जाएगा।
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खुले में जलाने से बचना:
सर्दियों के दौरान बायोमास और ठोस अपशिष्ट को खुले में जलाने से रोकने के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराए जाएंगे।
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नागरिकों से अपील
CAQM ने नागरिकों से अपील की है कि वे वायु गुणवत्ता को बनाए रखने में सहयोग करें। इसके लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
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सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें: निजी वाहनों के उपयोग को कम करें।
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कम भीड़भाड़ वाले मार्ग चुनें: टेक्नॉलॉजी का उपयोग करके अधिक समय ले सकने वाले लेकिन कम भीड़भाड़ वाले रास्ते चुनें।
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एयर फिल्टर बदलें: अपने ऑटोमोबाइल में नियमित अंतराल पर एयर फिल्टर को बदलें।
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निर्माण गतिविधियों से बचें: अक्टूबर से जनवरी के दौरान धूल उत्पन्न करने वाली गतिविधियों से दूर रहें।
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खुले में जलाने से बचें: ठोस अपशिष्ट और बायोमास को खुले में न जलाएं।
इन सभी उपायों को अपनाकर हम दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं।