Breaking




Gold Mining : यहां है सोने की सबसे बड़ी खदान, करीब 20,000 लोग करते हैं काम

Edited By Parminder Kaur,Updated: 22 Apr, 2025 03:55 PM

grasberg mine papua indonesia world largest and richest gold mine

दुनिया के कुछ क्षेत्र में सोने के विशाल भंडार हैं। इंडोनेशिया के पापुआ क्षेत्र में स्थित ग्रासबर्ग खदान ऐसा ही एक अनमोल खजाना है, जो न केवल इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे अमीर सोने की...

नेशनल डेस्क. दुनिया के कुछ क्षेत्र में सोने के विशाल भंडार हैं। इंडोनेशिया के पापुआ क्षेत्र में स्थित ग्रासबर्ग खदान ऐसा ही एक अनमोल खजाना है, जो न केवल इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे अमीर सोने की खदानों में से एक है।

ग्रासबर्ग: सोना और तांबे का भंडार

ग्रासबर्ग खदान हर साल लगभग 48 टन सोना का उत्पादन करती है। इसकी एक खास बात यह भी है कि यह सोने के साथ-साथ दुनिया की सबसे बड़ी तांबे की खदानों में भी शामिल है। इस खदान से निकलने वाले अयस्क में सोना और तांबा दोनों ही प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

भौगोलिक महत्व

यह खदान पापुआ के सबसे ऊंचे पर्वत पुंचक जया के पास स्थित है। यह पूरा क्षेत्र टेक्टोनिक प्लेटों के खिसकने के कारण बना है और खनिजों से भरपूर है, जिसने ग्रासबर्ग को सोने और तांबे का एक विशाल भंडार बना दिया है। खदान का एक बड़ा ऊपरी हिस्सा अब बंद हो चुका है और वर्तमान में भूमिगत खनन किया जा रहा है।

आधुनिक संचालन और विशालकाय परिसर

ग्रासबर्ग खदान का संचालन बहुत बड़े पैमाने पर होता है, जिसमें लगभग 20,000 लोग कार्यरत हैं। इस खदान के भीतर कर्मचारियों और संचालन के लिए अपनी एयरपोर्ट और बंदरगाह जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। इसके अलावा कर्मचारियों के रहने के लिए आवासीय परिसर, स्कूल और अस्पताल भी बनाए गए हैं, जो इसे एक आत्मनिर्भर इकाई बनाते हैं। पहले इस खदान की पहचान एक मील चौड़ा खुला गड्ढा था, लेकिन अब सतह के भंडार लगभग समाप्त हो गए हैं और सारा उत्पादन भूमिगत खदानों से हो रहा है।

उत्पादन के आंकड़े

साल 2023 में ग्रासबर्ग खदान ने 52.9 टन सोना (1.7 मिलियन औंस), 680,000 टन तांबा और 190 टन चांदी का उत्पादन किया। यह इसे वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी खदानों में से एक बनाता है। अनुमान है कि इस खदान में अभी भी लगभग 40 अरब डॉलर मूल्य के सोने के भंडार मौजूद हैं, जिससे यह आने वाले कई वर्षों तक सोने का एक प्रमुख उत्पादक बना रहेगा।

खोज और विकास का इतिहास

ग्रासबर्ग खदान की खोज 1936 में डच भूविज्ञानी जीन जैक्स डोजी ने की थी, जब उन्होंने इस क्षेत्र में खनिजों की उपस्थिति का पता लगाया था। हालांकि, बड़े पैमाने पर खनन का कार्य 1960 के दशक में शुरू हुआ, जब फ्रीपोर्ट मैकमोरन नामक कंपनी ने यहां खनन के अधिकार हासिल किए। तब से ग्रासबर्ग का लगातार विस्तार होता रहा है और यह बीते कई वर्षों से इंडोनेशिया की सबसे मूल्यवान संपत्तियों में से एक बनी हुई है। इंडोनेशियाई सरकार ने हाल ही में फ्रीपोर्ट मैकमोरन को 2041 तक खनन जारी रखने की अनुमति दी है, जो इस खदान के दीर्घकालिक महत्व को दर्शाता है।

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!