प्रवासी भारतीय समुदाय का बढ़ रहा महत्व: जयशंकर

Edited By Parminder Kaur,Updated: 09 Jan, 2025 05:15 PM

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बृहस्पतिवार को प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत के "वैश्विक श्रमबल" बनाने के प्रयासों के बीच प्रवासी समुदाय का महत्व हर साल बढ़ता जा रहा है। उन्होंने यह भी...

नेशनल डेस्क. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बृहस्पतिवार को प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत के "वैश्विक श्रमबल" बनाने के प्रयासों के बीच प्रवासी समुदाय का महत्व हर साल बढ़ता जा रहा है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि विदेश में किसी भी मुश्किल समय में नरेंद्र मोदी सरकार उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है।

प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर जोर

जयशंकर ने कहा, "हमें अपने प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों पर गर्व है। प्रवासी भारतीय, जहां भी रहते हैं। भारत और उन देशों के बीच एक सेतु का काम करते हैं। चाहे प्रौद्योगिकी, व्यापार, निवेश, पर्यटन, या संसाधनों की बात हो, प्रवासी भारतीय हर क्षेत्र में योगदान देते हैं।

प्रवासी भारतीयों के लिए लाभकारी बदलाव

जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार के जन-केंद्रित सुधारों से प्रवासी भारतीयों को भी लाभ मिल रहा है। पासपोर्ट जारी करने, सत्यापन प्रक्रिया में सरलीकरण, वाणिज्य दूतावास सेवाओं में सुधार और डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल प्रवासियों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।

उन्होंने बताया कि शिकायत निवारण मंच अब अधिक प्रभावी हो गए हैं और दुनियाभर में भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास अधिक उत्तरदायी हो चुके हैं। आप यह जानकर आश्वस्त हो सकते हैं कि मुश्किल समय में मोदी सरकार आपके साथ है।

ओडिशा की संस्कृति और विदेश नीति में योगदान

विदेश मंत्री ने प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी के लिए ओडिशा को चुने जाने को "पूर्वोदय नीति" का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि ओडिशा भारत के इतिहास और संस्कृति की समृद्धि को दर्शाता है। महाप्रभु श्री जगन्नाथ, लिंगराज मंदिर और कोणार्क मंदिर जैसे स्थलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन स्थलों ने भारत की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत किया है।

जयशंकर ने ओडिशा के ऐतिहासिक "बाली यात्रा" का भी जिक्र किया और इसे भारत सरकार की "एक्ट ईस्ट नीति" का अग्रदूत बताया। भारत जब खुद को हिंद-प्रशांत राष्ट्र के रूप में परिभाषित करता है, तो यह ओडिशा के पूर्वी समुद्र तट से जुड़ा है।

आधुनिक और समावेशी भारत की ओर

उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संदेश देते हुए कहा- "यह अवसर आपको एक ऐसे भारत से परिचित कराता है, जो आत्मविश्वासी, आधुनिक और समावेशी है। यहां परंपरा और तकनीक साथ-साथ चलते हैं, जब भारत विकास के पथ पर तेजी से कदम बढ़ा रहा है, तो आप सभी अपने-अपने तरीके से इस लक्ष्य को हासिल करने में योगदान दे सकते हैं।"

समापन

विदेश मंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन प्रवासी भारतीय समुदाय को अपनी भारतीय विरासत, परंपराओं और पहचान को और मजबूती से अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से अपील की कि वे भारत के विकास और गौरवशाली पहचान को मजबूत बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

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