Edited By Mahima,Updated: 23 Sep, 2024 11:02 AM
जीएसटी दरों पर एक महत्वपूर्ण मंत्रियों के समूह की बैठक 24-25 सितंबर को गोवा में होने जा रही है। इस समूह का नेतृत्व बिहार के उपमुख्यमंत्री करेंगे और इसका उद्देश्य वर्तमान चार जीएसटी स्लैब (5%, 12%, 18%, और 28%) को तार्किक बनाना है। समीक्षा में 70-100...
नेशनल डेस्क: अप्रत्यक्ष कर यानी GST (Goods and Services Tax) की दरों में बदलाव का लंबे समय से इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आ रही है। इस सप्ताह, 24 और 25 सितंबर को गोवा में एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें मंत्रियों का समूह GST की दरों को तार्किक बनाने पर चर्चा करेगा। यह बैठक बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में होगी।
GST की मौजूदा संरचना
वर्तमान में, GST के तहत चार टैक्स स्लैब हैं: 5%, 12%, 18%, और 28%। इसके अलावा, कुछ लग्जरी और 'सिनफुल' आइटम पर अलग से सेस भी लगाया जाता है। यह व्यवस्था काफी समय से चर्चा का विषय रही है, और कई विशेषज्ञों और उद्योग के सदस्यों ने GST स्लैब को चार से घटाकर तीन करने की मांग की है।
क्या है बैठक का उद्देश्य
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य GST की दरों में संशोधन के संबंध में निर्णय लेना है। पिछले कुछ वर्षों में, विभिन्न वस्तुओं पर GST दरों में बदलाव के कई प्रस्ताव आए हैं, लेकिन इस बार यह बैठक इस मुद्दे पर निर्णायक कदम उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण अवसर होगी।
पूर्व चर्चा और काउंसिल की बैठक
इससे पहले, इसी महीने की शुरुआत में GST काउंसिल की 54वीं बैठक हुई थी। यह काउंसिल अप्रत्यक्ष कर के मामलों में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। बैठक में GST दरों को रैशनलाइज करने का फैसला किया जाना था। मंत्रियों के समूह ने इस बैठक में दो स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की थीं, जो GST दरों में सुधार के लिए आवश्यक थी।
टैक्स दरों की समीक्षा
गोवा में होने वाली बैठक में, 70 से 100 सामानों की टैक्स दरों की समीक्षा की जाएगी। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कुछ सामानों पर टैक्स की दरें बढ़ाई जा सकती हैं, जबकि कुछ वस्तुओं पर दरें कम भी हो सकती हैं। मंत्रियों का समूह यह सुनिश्चित करेगा कि इन बदलावों का प्रभाव उन सामानों पर न पड़े, जिनका बड़े स्तर पर उपयोग होता है। उदाहरण के लिए, रोजमर्रा के उपभोग की वस्तुएं जैसे खाद्य सामग्री, दवा आदि को ध्यान में रखा जाएगा।
जानिए आगे की योजना के बारे में
बैठक में जो भी निर्णय लिए जाएंगे, उन्हें अगली GST काउंसिल की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा, जो नवंबर में आयोजित होगी। GST काउंसिल की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी, जो वित्तीय नीति में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।
उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर प्रभाव
GST दरों में होने वाले संभावित बदलावों का सीधा असर उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर पड़ेगा। अगर कुछ वस्तुओं पर टैक्स बढ़ता है, तो उनके बाजार मूल्य में वृद्धि हो सकती है, जबकि टैक्स घटने पर उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। इस कारण, उपभोक्ताओं और व्यापारी वर्ग को इस बैठक के परिणामों का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। GST दरों में होने वाले बदलाव का न केवल कर प्रणाली पर, बल्कि आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी गहरा असर पड़ेगा। इसलिए, सभी को इन चर्चाओं और निर्णयों पर नजर बनाए रखने की सलाह दी जाती है। यह बैठक वित्तीय वर्ष की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, और हमें देखना होगा कि यह किस प्रकार के बदलाव लाती है।