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Guillain-Barre Syndrome: मुंबई में GBS का कहर, अस्पताल में भर्ती 53 वर्षीय मरीज ने तोड़ा दम

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 13 Feb, 2025 10:21 AM

guillain barre syndrome gbs wreaks havoc in mumbai

महाराष्ट्र में गिलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) का कहर तेजी से बढ़ रहा है और हाल ही में एक 53 वर्षीय मरीज की मौत हो गई है जो मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती था। मरीज वडाला इलाके का रहने वाला था और बीएमसी के बीएन देसाई अस्पताल में वार्ड बॉय के तौर पर काम...

नेशनल डेस्क। महाराष्ट्र में गिलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) का कहर तेजी से बढ़ रहा है और हाल ही में एक 53 वर्षीय मरीज की मौत हो गई है जो मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती था। मरीज वडाला इलाके का रहने वाला था और बीएमसी के बीएन देसाई अस्पताल में वार्ड बॉय के तौर पर काम करता था। अस्पताल के अनुसार वह लंबे समय से बीमार था और इलाज चल रहा था। इसके अलावा नायर अस्पताल में एक नाबालिग लड़की भी भर्ती है जिसे GBS वायरस का संक्रमण हुआ है। यह लड़की पालघर की रहने वाली है और 10वीं कक्षा की छात्रा है। 6 फरवरी को भी इस वायरस के कारण एक मरीज की मौत हो चुकी थी।

क्या हैं जीबीएस के लक्षण? 

गिलियन बैरे सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिसमें स्वाइन फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। इसके लक्षणों में सर्दी, जुकाम, तेज बुखार, मांसपेशियों में कमजोरी और शरीर के अंगों में सुन्नापन शामिल होते हैं। बीमारी के बढ़ने पर लकवा हो सकता है और कभी-कभी मौत भी हो सकती है। यह बीमारी पैर से शुरू होकर सांस की समस्या तक पहुंच सकती है। कई मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है। जीबीएस का कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन ज्यादातर मरीज इलाज से ठीक हो जाते हैं। कुछ मामलों में इसका असर लंबे समय तक रह सकता है।

अब तक कितने लोग प्रभावित हुए हैं? 

महाराष्ट्र में जीबीएस के 167 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 7 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें से एक मौत जीबीएस से हुई है जबकि बाकी की मौतें संदिग्ध हैं। 26 जनवरी को पुणे में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की भी जीबीएस से मौत हो गई थी।

वहीं सरकार की कार्रवाई महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 29 जनवरी को प्रशासन से मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था करने को कहा था। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 जनवरी को पुणे में बढ़ते जीबीएस मामलों को देखते हुए सात सदस्यीय एक उच्च स्तरीय टीम तैनात की थी जिसका उद्देश्य राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को सहायता प्रदान करना था।

 

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जीबीएस से बचाव के उपाय राज्य स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को कुछ सामान्य सावधानियां बरतने की सलाह दी है, ताकि जीबीएस के संक्रमण को कुछ हद तक रोका जा सके। इन सावधानियों में उबला हुआ या बोतलबंद पानी पीना, खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छे से धोना, मांस और चिकन को ठीक से पकाना और कच्चे या अधपके भोजन जैसे सलाद, अंडे, कबाब और समुद्री भोजन से परहेज करना शामिल है।

जीबीएस का प्रकोप बढ़ने के कारण महाराष्ट्र सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई सलाहों का पालन करना जरूरी है, ताकि इस खतरनाक वायरस से बचाव किया जा सके।

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