Edited By Parminder Kaur,Updated: 09 Nov, 2024 01:17 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप गुजरात सरकार ने राज्य की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए 'गुजरात सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2022-2027' लॉन्च की है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई में इस नीति का...
नेशनल डेस्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप गुजरात सरकार ने राज्य की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए 'गुजरात सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2022-2027' लॉन्च की है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई में इस नीति का उद्देश्य गुजरात को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। इस पॉलिसी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए गुजरात ने 'गुजरात स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन' की स्थापना की है, जो राज्य के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक संस्थान है।
माइक्रोन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के निवेश
मुख्यमंत्री पटेल के नेतृत्व में गुजरात के साणंद में माइक्रोन के अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर एटीएमपी (Assembly, Testing, Marking and Packaging) संयंत्र का शिलान्यास किया गया है, जिसमें 22,500 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। इसके अलावा धोलेरा के 'सेमिकॉन सिटी' में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) और ताइवान की PSMC कंपनी भारत की पहली वाणिज्यिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)-सक्षम सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन सुविधा स्थापित करने जा रही हैं, जिसमें कुल निवेश 91,000 करोड़ रुपए से अधिक होगा।
नई सेमीकंडक्टर सुविधाएं और निवेश
गुजरात के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करते हुए सीजी पावर और रेनेसा साणंद जीआईडीसी में अत्याधुनिक OSAT (Outsourced Semiconductor Assembly and Test) सुविधा स्थापित करेंगे, जिसमें कुल निवेश 7,500 करोड़ रुपए से अधिक होगा। साथ ही राज्य सरकार ने केनस सेमीकॉन की सुविधा की स्थापना को भी मंजूरी दी है, जो हर दिन लगभग 6 मिलियन चिप्स का उत्पादन करेगी, इसमें निवेश 3,300 करोड़ रुपये है।
इन निवेशों से राज्य में उच्च कौशल वाली नौकरी के अवसर पैदा होंगे, जो ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरण और दूरसंचार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रभावी बदलाव लाएंगे। इन अत्याधुनिक सुविधाओं के माध्यम से भारत को सेमीकंडक्टर चिप्स के आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही साथ महत्वपूर्ण डाउनस्ट्रीम सेक्टर्स में भी रोजगार सृजन होगा।
गुजरात सेमीकंडक्टर पॉलिसी के तहत राज्य सरकार की पहल
गुजरात सरकार ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब्रिकेशन यूनिट्स के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जा रही पूंजी सहायता के अलावा 40% अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। इसके अलावा राज्य सरकार ने पंजीकरण शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी पर 100% एकमुश्त रिफंड की सुविधा भी दी है। गुजरात सेमीकंडक्टर पॉलिसी के तहत राज्य ने उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति पर Rs 2 प्रति यूनिट और गुणवत्ता वाले पानी के लिए Rs 12 प्रति क्यूबिक मीटर की दरों पर सब्सिडी की भी घोषणा की है। इसके अलावा बिजली शुल्क में छूट भी प्रदान की गई है।
धोलेरा को सेमीकंडक्टर हब बनाने के प्रयास
गुजरात सरकार धोलेरा को 'सेमिकोन सिटी' के रूप में विकसित करने के लिए आकर्षक प्रोत्साहन दे रही है। सेमीकंडक्टर यूनिट्स के लिए भूमि अधिग्रहण पर 75% तक की सब्सिडी दी जा रही है। धोलेरा को भारत का पहला ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है, जिससे उद्योगों और निवासियों दोनों को लाभ होगा।
नवीनतम निवेश और नौकरी के अवसर
गुजरात में सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के साथ राज्य ने यह सुनिश्चित किया है कि गुजरात सेमीकंडक्टर क्षेत्र में शीर्ष विकल्प बने। इस रणनीतिक पहल के तहत 4 प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनियां 1.24 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ नए परियोजनाओं में भाग लेंगी, जिससे लगभग 53,000 नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे, जैसा कि राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
भारत सरकार का 'इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन'
भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण के लिए 2021 में केंद्र सरकार द्वारा 'इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन' शुरू किया गया था, जिसमें 76,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2020 में 15 बिलियन डॉलर का था और 2026 तक इसके 63 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 400% से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है।