गुजरातः 2002 के गोधरा दंगों पर बनीं फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग, कारसेवकों को दी गई श्रद्धांजलि

Edited By Yaspal,Updated: 15 Jul, 2024 09:33 PM

gujarat special screening of film made on 2002 godhra riots

साल 2002 के गोधरा दंगों पर बनी फिल्म ‘गोधरा’की सोमवार को नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित पीवीआर प्लाजा में स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई। इस फिल्म में रणवीर शौरी, मनोज जोशी, हितू कनोडिया ने मुख्य किरदार निभाया है।

नेशनल डेस्कः साल 2002 के गोधरा दंगों पर बनी फिल्म ‘गोधरा’की सोमवार को नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित पीवीआर प्लाजा में स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई। इस फिल्म में रणवीर शौरी, मनोज जोशी, हितू कनोडिया ने मुख्य किरदार निभाया है। गोधरा की स्पेशल स्क्रीनिंग में भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा समेत विश्व हिंदू परिषद (VHP) और राजधानी के गणमान्य लोग शामिल हुए। एमके शिवाक्ष द्वारा निर्देशित यह फिल्म 19 जुलाई को स्क्रीन पर आएगी। स्पेशल स्क्रीनिंग में फिल्म के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर समेत कलाकार भी मौजूद थे। इस दौरान उपस्थित लोगों ने गोधरा कांड में मारे गए कारसेवकों को श्रद्धांजलि दी।

इस दौरान फिल्म के प्रोड्यूसर बीजे पुरोहित, निर्देशक एमके शिवाक्ष एवं अभिनेत्री डेनिशा घुमरा मौजूद रहे। इस दौरान निर्देशक एम के शिवाक्ष ने बताया कि फिल्म का इरादा तथ्यों को सीधे लोगों के सामने लाना है। फिल्म 19 जुलाई को रिलीज हो रही है। इस विषय पर फिल्म बनाने के लिए पिछले चार वर्षों में रिसर्च के दौरान हमें जो जानकारी मिली, उसी के आधार पर हमने यह फिल्म बनाई है।

फिल्म के प्रोड्यूसर बीजे पुरोहित ने कहा कि लोग गोधरा कांड को 2002 में हुए हिन्दू और मुस्लिम दंगे के रूप में जानते हैं। इसके पहले का गोधरा क्या था? ऐसा कौन सा सच है, जिसे गुजरात दंगों तले दबाया गया है? ऐसा करने के पीछे किस तरह की मानसिकता रही होगी और गोधरा कांड की सच्चाई को लोगों के सामने दुर्घटना या त्वरित झगड़ा साबित करके क्या छुपाया जाता हैं? इस कांड में मारे गए 59 लोगों की वेदना को जनमानस तक क्यों नहीं पहुंचने दिया गया? ऐसे तमाम सवालों का जवाब फिल्म में है।

ट्रेन में जिंदा जल गए थे 59 कारसेवक
वहीं, फिल्म देखने के बाद दर्शक एस राहुल ने बताया कि फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे 27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती ट्रेन के एस-6 कोच में दूसरे समुदाय द्वारा आग लगाए जाने के बाद 59 कारसेवकों हिन्दुओं की मौत हो गई। इसमें 10 बच्चे और 27 महिलाएं भी थी। उन्होंने कहा कि यह फिल्म जीवंत और वास्तविक घटना पर आधारित है, जो न्याय के लिए पीड़ितों की जर्नी दिखाती है. गोधरा के जरिए गुजरात में दंगे करना एक बहुत बड़ी साजिश थी और तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य सरकार को बदनाम करने की थी।

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