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ज्ञानेश कुमार ने राजीव कुमार की जगह नए मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में संभाला पदभार

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 19 Feb, 2025 09:46 AM

gyanesh kumar takes charge as new chief election commissioner

1988 बैच के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने आज देश के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के पद का कार्यभार संभाला। वे नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले CEC हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। इससे पहले राजीव कुमार CEC के पद पर थे और वे 18...

नेशनल डेस्क। 1988 बैच के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने आज देश के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के पद का कार्यभार संभाला। वे नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले CEC हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। इससे पहले राजीव कुमार CEC के पद पर थे और वे 18 फरवरी को रिटायर हो गए थे।

ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल

ज्ञानेश कुमार के 4 साल के कार्यकाल के दौरान 20 राज्य और 1 केंद्रशासित प्रदेश (पुडुचेरी) में चुनाव होंगे। चुनावों की शुरुआत बिहार से होगी और अंतिम चुनाव मिजोरम में होगा।

नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति

ज्ञानेश कुमार के अलावा विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। वे हरियाणा के मुख्य सचिव और 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वहीं सुखबीर सिंह संधू चुनाव आयुक्त के रूप में अपने पद पर बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री की बैठक में हुई नियुक्ति की पुष्टि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में 17 फरवरी को हुई बैठक में इन नियुक्तियों पर मुहर लगी थी। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए थे।

 

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ज्ञानेश कुमार का पहला बयान

पदभार संभालने के बाद सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा, "राष्ट्रसेवा के लिए पहला कदम है मतदान। भारत का हर नागरिक जो 18 साल की आयु पूरी कर चुका है उसे मतदान करना चाहिए। भारत के संविधान, लोकप्रतिनिधित्व कानूनों और उनके नियमों के अनुरूप चुनाव आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ था है और रहेगा।"

राहुल गांधी का विरोध

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नए CEC के लिए 5 नामों की एक सूची दी गई थी लेकिन राहुल गांधी ने उन नामों पर विचार करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने डिसेंट नोट जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए यह बैठक नहीं होनी चाहिए थी।

कांग्रेस ने भी इस निर्णय पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि बैठक को स्थगित किया जाना चाहिए था ताकि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जल्द फैसला ले सके।

राहुल गांधी का बयान

राहुल गांधी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा था, "अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति को लेकर बैठक थी। इसमें मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को डिसेंट नोट दिया था। मैंने कहा कि चुनाव आयोग स्वतंत्र होता है और मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में कार्यपालिका का कोई दखल नहीं होना चाहिए।"

राहुल ने लिखा, "लोकसभा में विपक्ष के नेता होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि बाबा साहेब अंबेडकर और हमारे देश के निर्माण करने वाले नेताओं के आदर्शों को कायम रखा जाए। आधी रात में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का CEC की नियुक्ति का फैसला असम्मानजनक है। यह फैसला तब लिया गया जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है और इस पर 48 घंटे के अंदर सुनवाई होनी है।"

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