Hajj 2024: इस साल सबसे ज्यादा 1.75 लाख भारतीय पहुंचे मक्का; हजारों में पहुंची मरने वाले जायरीनो की संख्या,अब कैसे होगा अंतिम संस्कार ?

Edited By Tanuja,Updated: 20 Jun, 2024 05:57 PM

hajj 2024 amid scorching heat 1000 people died this week in saudi

सऊदी अरब हज के लिए पहुंचे यात्रियों की गर्मी की वजह से मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। मक्का में दम तोड़ने वाले जायरीनो की संख्या अब हजारों में...

रियादः सऊदी अरब हज के लिए पहुंचे यात्रियों की गर्मी की वजह से मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। मक्का में दम तोड़ने वाले जायरीनो की संख्या अब हजारों में पहुंच गई है।  मृतकों में  ईरान, भारत, इंडोनेशिया, मिस्र, ट्यूनीशिया के नागरिक शामिल हैं। इस साल 1.75 लाख भारतीय  गए हैं और मृतकों में  सबसे ज्यादा संख्या  मिस्र के लोगों की है। अलग-अलग देशों के आंकड़ों के आधार पर यह जानकारी दी गई है ।  अरब राजनायिक  ने बताया कि मरने वालों में करीब 658 हाजी अकेले मिस्र के हैं  वहीं 1400 लोग अब भी लापता हैं। हालांकि सऊदी अरब की तरह से अब तक मरने वालों की संख्या को लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है।बांग्लादेश के भी 21 लोगों की मौत हज के दौरान हुई है। इनमें से 18 पुरुष हैं और तीन महिलाएं। उन सबकी उम्र 48 से 90 साल के बीच है।बांग्लादेश की ओर से जारी हज संबंधित ताजा बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है।

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भारत के वाणिज्य दूतावास को लिखा खत
मिडिल ईस्ट में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच मक्का में 17 जून को तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं 18 जून को थोड़ी राहत के साथ पारा 47 डिग्री रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, 12 से 19 जून तक चले हज के बीच 90 भारतीय यात्रियों की भी मौत हुई है। हज कमेटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस साल सबसे ज्यादा 1,75,000 भारतीय हज यात्रा के लिए मक्का पहुंचे। केरल के हज मंत्री अब्दुर्रहीमन ने बुधवार को केंद्र सरकार से भारतीयों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर और जेद्दाह में मौजूद भारत के वाणिज्य दूतावास को खत लिखा। केरल से करीब 18 हजार 200 हाजी सऊदी अरब गए थे।मंत्री अब्दुर्रहीमन ने लिखा कि जेद्दाह पहुंचने के बाद जायरीनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्हें 30 किमी दूर असीसी जाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।

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मिस्र के यात्रियों की तादाद इसीलिए ज्यादा
इसके अलावा वहां रुकने की व्यवस्था भी ठीक तरह से नहीं की गई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक  मरने वालों में मिस्र के यात्रियों की तादाद इसीलिए ज्यादा है, क्योंकि इनमें कई ऐसे हैं जिन्होंने हज के लिए रजिस्टर नहीं कराया था। बता दें कि  हर साल हज पर जाने वाले हजारों यात्री ऐसे होते हैं, जिनके पास इसके लिए वीजा नहीं होता है। पैसों की कमी की वजह से इस तरह के यात्री गलत तरीकों से मक्का पहुंचते हैं। इस महीने की शुरुआत में सऊदी ने बिना रजिस्ट्रेशन वाले हजारों हज यात्रियों को मक्का से हटाया था। सऊदी अरब के अधिकारियों के मुताबिक, मक्का पर जलवायु परिवर्तन का गहरा असर हो रहा है। यहां हर 10 साल में औसत तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। पिछले साल हज पर गए 240 हज यात्रियों की मौत हुई थी। इनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। इस साल करीब 18 लाख हज यात्री हज के लिए पहुंचे हैं। इनमें से 16 लाख लोग दूसरे देशों के हैं।

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अंतिम संस्कार पर उठे सवाल
अब सवाल यह उठता है कि क्या हज दौरान मरने वाले जायरीनों के शव को स्वदेश ले आया जा सकता है? या फिर वहीं अंतिम संस्कार किया जाएगा? शव की शिनाख्त कैसे होगी? मृत्यु प्रमाणपत्र कहां से मिलेगा? ऐसी मामले में सऊदी अरब के हज संबंधित क़ानून में साफ जिक्र किया गया है कि अगर हज के दौरान किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसका शव उसके देश में नहीं भेजा जाता। उसे सऊदी अरब में ही दफना दिया जाता है।  हज यात्रा की तैयारी करते समय हर व्यक्ति हज से संबंधित एक आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर करता है जिसमें लिखा होता है कि अगर सऊदी अरब की ज़मीन पर या आसमान में उसकी मौत हो जाती है तो उसके शव को वहां दफना दिया जाएगा। उनके परिवार या परिजनों की कोई आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी।

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