Hajj 2024: मक्का में 100 भारतीयों ने तोड़ा दम, वापस लौटे जायरीनों ने बताई बदहाली की दास्तां, कड़े एक्शन की तैयारी में मिस्र सरकार

Edited By Tanuja,Updated: 23 Jun, 2024 12:16 PM

hajj 2024 egypt to prosecute travel agents for fraudulent hajj trips

सऊदी अरब में हज के दौरान  इस गर्मी ने खूब कहर बरपाया। इस दौरान 11 00 से अधिक  लोगों ने दम तोड़ दिया जिनमें सबसे अधिक मिस्र के हैं ।  प्रचंड...

रियादः सऊदी अरब में हज के दौरान  इस गर्मी ने खूब कहर बरपाया। इस दौरान 11 00 से अधिक  लोगों ने दम तोड़ दिया जिनमें सबसे अधिक मिस्र के हैं ।  प्रचंड गर्मी  के चलते वहां करीब 100 भारतीयों ने भी दम तोड़ दिया। हज करके  लौटे यात्रियों ने जहां हज करने की तमन्ना तो पूरी  पर खुशी जताई वहीं   हज कमेटी की तरफ से उन्हें कोई सहायता न मिलने व वहां की बदहाली पर रोश भी जताया। बता दें कि मक्का से हज कर  पहली फ्लाइट  में 377 लोग लौटे हैं । वापस आए जायरीनों ने बताया कि  मक्का में 53 डिग्री तापमान में लोगों की हालत खराब हो गई थी।

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हज करके लौट रहे यात्रियों  का कहना था कि मक्का में गर्मी ने हालत खराब कर रखी थी, लेकिन अब लौटकर अच्छा लग रहा है। एक यात्री ने कहा कि गर्मी बहुत ज्यादा थी, जिसकी वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. कुछ लोगों को सहायता मिल पाई तो कुछ लोगों को नहीं मिल पाई। हज कर लौटे एक बुजुर्ग का कहना था कि सुविधा तो मिली, लेकिन भीषण गर्मी से हुई मौतों को रोक नहीं पाए। एक महिला का कहना था कि हज तो अच्छे से हो गया, लेकिन गर्मी इतनी ज्यादा थी, ऊपर से हमें किसी प्रकार की कोई सहायता भी नहीं मिली। यहां तक की वहां रास्ता बताने वाला भी कोई नहीं था। परिवार संग लौटे एक व्यक्ति ने कहा कि भारत से जो हुज्जात जाते हैं, उन्होंने भी हमें कोई रास्ता नहीं बताया यहां तक की रास्ते पर डायवर्सन किया गया था वहां भी पानी की व्यवस्था नहीं थी. हमने लोगों को बेहोशी की हालत में देखा, लेकिन खुद की जान बचाना पहले जरूरी था।

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यात्रियों का कहना था कि मक्का में हज तो कर के आ गए, लेकिन गर्मी ने लोगों की जान ले ली। ना वहां पर रास्ता बताने वाला कोई था और ना ही किसी प्रकार की कोई मदद मिल पाई। हज कमेटी की तरफ से भी यात्रियों को किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली। ऑन रिकॉर्ड बात की जाए तो भारत के अलग-अलग राज्यों से कुल  हजारों हज यात्री मक्का गए थे।दिल्ली से अकेले 4 हजार हज यात्री मक्का गए। जिन  1100 लोगों की मौत हुई उनमें सबसे अधिक  मिस्र के 658 नागरिक  शामिल हैं। हज यात्रा पर गए मिस्र के नागरिकों की मौत के बाद वहीं की  सरकार का एक्शन में है और ट्रैवल एजेंटों पर  मुकदमा चलाने का ऐलान किया है।

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 मिस्र कैबिनेट ने एक बयान में कहा, "प्रधानमंत्री ने इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने, उनके प्रबंधकों को सरकारी अभियोजक के पास भेजने और उन पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया है, ताकि इनके कारण मारे गए तीर्थयात्रियों के परिवारों को लाभ मिल सके." इसमें आगे कहा गया कि मिस्र के तीर्थयात्रियों की मौत में बढ़ोतरी इन ट्रैवल कंपनियों की वजह से हुई है। अप्रैल में, सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्रालय ने हज यात्रियों को धोखेबाज और हज कंपनियों के बारे में आगाह किया था और दोहराया था कि तीर्थयात्रा करने के लिए वैध हज वीजा जरूरी है। मिस्र मंत्रालय ने ऐसी कंपनियों के बारे में चेतावनी दी थी कि हज 2024 के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनधिकृत सेवाओं का विज्ञापन कर रही हैं।

 

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हज परमिट कोटा प्रणाली के तहत देशों को आबंटित किए जाते हैं और लॉटरी सिस्टम के जरिए व्यक्तियों को बांटे जाते हैं। इस बीच जलवायु वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के एक स्वतंत्र समूह द्वारा किए गए त्वरित विश्लेषण के अनुसार, जलवायु परिवर्तन ने सऊदी अरब की घातक गर्मी को और बढ़ा दिया जिससे वहां का तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने कहा कि प्राकृतिक परिवर्तनशीलता ने संभवतः एक छोटी भूमिका निभायी है. पिछले कुछ हफ्तों में पूर्वी भूमध्य सागर और मध्य पूर्व के बड़े हिस्से में अत्यधिक तापमान का सामना करना पड़ा है। 
 

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