Edited By Mahima,Updated: 26 Dec, 2024 01:07 PM
कांग्रेस के बेलगावी अधिवेशन में भारत के नक्शे पर कश्मीर और अक्साई चिन का हिस्सा न दिखाने से विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति और देशविरोधी कदम बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे डिज़ाइन की गलती करार दिया। बीजेपी के अमित मालवीय ने...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस पार्टी के कर्नाटक के बेलगावी में आयोजित अधिवेशन के दौरान एक पोस्टर में भारत के नक्शे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के इस पोस्टर में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और अक्साई चिन को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया गया, जिससे यह संदेश जाता है कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा है। बीजेपी ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति का हिस्सा और देशद्रोह का प्रयास बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे एक डिज़ाइन की गलती करार दिया है। इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है और यह मुद्दा सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है।
क्या था पूरा मामला?
कांग्रेस पार्टी के कर्नाटक के बेलगावी में आयोजित किए गए विशेष अधिवेशन के बैनरों और होर्डिंग्स में भारत का नक्शा छपा था, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और अक्साई चिन का क्षेत्र गायब था। इस नक्शे में भारत का बाकी हिस्सा सही तरीके से प्रदर्शित था, लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और अक्साई चिन के इलाके को न दिखाकर इसे पूरी तरह से अधूरा बना दिया गया था। कांग्रेस के इस अधिवेशन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत पार्टी के कई प्रमुख नेताओं की तस्वीरें इस पोस्टर पर लगी थीं। यह पोस्टर महात्मा गांधी की अध्यक्षता में 1924 में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की 100वीं वर्षगांठ के मौके पर बेलगावी में आयोजित कांग्रेस की विशेष बैठक में लगाया गया था। कांग्रेस के इस कार्यक्रम का उद्देश्य पार्टी की नीतियों, कार्यक्रमों और आगामी चुनावों के लिए रणनीतियों पर चर्चा करना था।
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बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया
इस विवाद को लेकर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के इस कदम के पीछे एक सोची-समझी रणनीति थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "बेलगावी में कांग्रेस के कार्यक्रम में भारत का अधूरा नक्शा दिखाया गया। इसमें कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। यह कोई गलती नहीं हो सकती, बल्कि यह कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति का हिस्सा है।" अमित मालवीय ने आगे कहा, "कांग्रेस को अब दूसरी मुस्लिम लीग के रूप में देखा जा सकता है। यह पार्टी भारत को तोड़ने का प्रयास कर रही है और यह भारत के खिलाफ साजिश का हिस्सा है। कांग्रेस की यह कार्यप्रणाली भारतीय मुसलमानों को पाकिस्तान के प्रति वफादारी दिखाने की कोशिश करती है।" बीजेपी का यह बयान कांग्रेस की आलोचना करने और देशभक्ति की कसौटी पर उसे गिराने का प्रयास था।
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कांग्रेस का बचाव
कांग्रेस पार्टी ने इस आरोप का खंडन किया है। कांग्रेस के नेताओं ने इसे एक डिज़ाइन की गलती करार दिया और कहा कि इसमें कोई दुर्भावना या गलत इरादा नहीं था। पार्टी का कहना था कि बेलगावी अधिवेशन महात्मा गांधी द्वारा 1924 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अध्यक्षता करने की 100वीं वर्षगांठ के रूप में आयोजित किया गया था, और इसका उद्देश्य केवल पार्टी की नीतियों पर चर्चा करना था।कांग्रेस ने यह भी कहा कि बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की है और यह मुद्दा सिर्फ एक शिगूफा है। कांग्रेस का कहना था कि यह पोस्टर डिज़ाइन की एक सामान्य गलती थी और इसमें किसी तरह की राष्ट्रविरोधी भावना नहीं थी।
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बसवराज बोम्मई का बयान
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बसवराज बोम्मई ने भी कांग्रेस के इस कार्यक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के दो रूप हैं - एक जो जनविरोधी और राष्ट्रविरोधी है, और दूसरा जो राष्ट्रवादी है। इन लोगों को इस तरह के जश्न मनाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि इनकी नीतियाँ भारत के खिलाफ हैं।" बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस को अपनी गलतियों का ठिकाना ढूंढना चाहिए और देशविरोधी कदमों से बचना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की यह गलती इस बात का संकेत है कि पार्टी देश की एकता और अखंडता के प्रति गंभीर नहीं है। उनके अनुसार, यह पार्टी हमेशा से राष्ट्रहित से दूर रही है और यह केवल अपनी सत्ता की राजनीति करने में लगी रही है।
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कांग्रेस अधिवेशन का महत्व और इतिहास
कांग्रेस का बेलगावी अधिवेशन महात्मा गांधी की अध्यक्षता में 1924 में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक की 100वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित किया गया था। 100 साल पहले बेलगावी में महात्मा गांधी ने कांग्रेस की कार्यसमिति की अध्यक्षता की थी और इस अवसर को याद करते हुए कांग्रेस ने कर्नाटक के बेलगावी में अपनी विशेष बैठक आयोजित की थी। इस अधिवेशन में पार्टी ने आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों पर विचार किया और पार्टी के भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए। हालांकि, इस पोस्टर विवाद ने कांग्रेस के इस अधिवेशन की चर्चा को एक नए विवाद में बदल दिया और यह एक अहम राजनीतिक मुद्दा बन गया है। कांग्रेस के बेलगावी अधिवेशन में भारत के नक्शे के विवाद ने देशभर में राजनीतिक हलचल मचा दी है।
बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जानबूझकर कश्मीर और अक्साई चिन को भारत के नक्शे से हटा दिया, जिससे यह संदेश जाता है कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा है। बीजेपी ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति और देशद्रोह करार दिया, जबकि कांग्रेस ने इसे एक डिज़ाइन की गलती बताया। इस विवाद के बाद अब यह देखना होगा कि कांग्रेस इस विवाद से कैसे निपटती है और क्या यह मुद्दा आगामी चुनावों में किसी महत्वपूर्ण बदलाव का कारण बनेगा। इस विवाद ने कांग्रेस और बीजेपी के बीच की राजनीतिक खाई को और गहरा कर दिया है, और आने वाले समय में इससे दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति और तेज हो सकती है।