ADR की रिपोर्ट में खुलासा, बिहार की आधी कैबिनेट के खिलाफ हैं गंभीर आपराधिक मामले

Edited By Yaspal,Updated: 10 Feb, 2021 08:08 PM

half of bihar s cabinet has serious criminal cases against it

पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव के बाद गठित की गई राज्य की कैबिनेट के 50 सदस्यों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं। सियासतदानों की संपत्ति और उनके खिलाफ दर्ज मामलों का विश्लेषण करने वाली संस्था एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, “बिहार कैबिनेट 64 फीसदी...

नेशनल डेस्कः पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव के बाद गठित की गई राज्य की कैबिनेट के 50 सदस्यों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं। सियासतदानों की संपत्ति और उनके खिलाफ दर्ज मामलों का विश्लेषण करने वाली संस्था एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, “बिहार कैबिनेट 64 फीसदी सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। जिनमें से 50 फीसदी सदस्यों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले गंभीर किस्म के हैं।

एडीआर ने बिहार के 28 मंत्रियों द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की है। इस दौरान भाजपा के कोटे से मंत्री बने राम सूरत कुमार के हलफनामे का विश्लेषण नहीं हो पाया क्योंकि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पोस्ट की गई हलफनामे की प्रति धुंधली है। जबकि दो अन्य मंत्री अशोक चौधरी और जनक राम किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं लिहाजा इनको भी विश्लेषण में शामिल नहीं किया गया है।

एडीआर ने जनता दल यू (जेडीयू) के 11, भाजपा के 14, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम), विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और एक अन्य निर्दलीय के हलफनामों का विश्लेषण किया है। इनमें से भाजपा के 8 जनता दल यू के तीन मंत्रियों के अलावा कैबिनेट में  शामिल किए गए हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, विकासशील इंसान पार्टी और एक निर्दलीय विधायक के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के 57 फीसदी और जेडीयू के 27 फीसदी मंत्री गंभीर आपराधिक मामलों में लिप्त हैं। इसी रिपोर्ट के अनुसार, कैबिनेट में शामिल भाजपा के सारे मंत्री करोड़पति हैं, जबकि जेडीयू के 82 फीसदी और अन्य दलों के 100 फीसदी मंत्री भी करोड़पति हैं।

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