Edited By Pardeep,Updated: 14 Sep, 2022 10:24 PM
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि निर्वाचन आयोग दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर लोगों का चुनाव प्रक्रिया में पूरे सम्मान के साथ समावेश सुनिश्चित करने के लिए ‘‘और मजबूत'' कदम' उठाएगा। उन्होंने पूरे देश के बूथ स्तर
नई दिल्लीः मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि निर्वाचन आयोग दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर लोगों का चुनाव प्रक्रिया में पूरे सम्मान के साथ समावेश सुनिश्चित करने के लिए ‘‘और मजबूत'' कदम' उठाएगा। उन्होंने पूरे देश के बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को वीडियो काफ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए यह बात कही।
इस मौके पर चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय और निर्वाचन आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। कुमार ने संवाद के लिए पहली बार एक पाक्षिक ई-पत्रिका का भी लोकार्पण किया। उन्होंने बड़ी चुनौतियों के बीच चुनावी लोकतंत्र को मजबूत करने के कार्य में ‘‘ अहम जिम्मेदारी'' निभाने के लिए बीएलओ की प्रशंसा की। सीईसी ने साथ ही रेखांकित किया कि ‘‘बदलते दौर'' में उन्हें प्रौद्योगिकी और अन्य सुविधाओं से लैस करने का समय आ गया है।
उल्लेखनीय है कि देश में कुल करीब 10.37 लाख बीएलओ हैं, जिनमें से अधिकतर शिक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं जो किसी खास बूथ पर सभी मतदाताओं का रिकॉर्ड रखते हैं। निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2006 में इनकी व्यवस्था की थी और अपने-अपने क्षेत्र में 18 साल की उम्र पूरी करने वाले नागरिकों के नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए सशक्त बनाया था।
सीईओ ने कहा, ‘‘बीएलओ लोगों को (निर्वाचन) आयोग और लोकतंत्र से जोड़ते हैं... आप जमीन पर आयोग की आंख और आवाज हैं। यह कहने में कोई शक नहीं है कि आप चुनावी लोकतंत्र के आधार और अहम कड़ी हैं।'' उन्होंने कहा कि आयोग का ‘ध्यान' वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर पर है और बीएलओ इस दिशा में अच्छे नतीजे प्राप्त करने में ‘‘अहम कड़ी'' साबित होंगे।''