Petrol Diesel Under GST: GST के दायरे में आएंगे पेट्रोल-डीजल, 20 रुपए घटेंगे दाम!...केंद्रीय मंत्री का बड़ा बयान

Edited By Anu Malhotra,Updated: 28 Sep, 2024 11:38 AM

hardeep singh puri petrol and diesel price gst

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने पेट्रोल और डीजल को वस्तु और सेवा कर (GST) के दायरे में लाने की संभावना पर चर्चा की। पुरी ने कहा कि यह कदम देश की ऊर्जा सुरक्षा को...

नेशनल डेस्क: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने पेट्रोल और डीजल को वस्तु और सेवा कर (GST) के दायरे में लाने की संभावना पर चर्चा की। पुरी ने कहा कि यह कदम देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए जरूरी है और इसके लिए आम सहमति बनानी होगी। अगर ऐसा होता है तो पेट्रोल और डीजल की कीमत में 20 रुपए लीटर तक की कमी देखने को मिल सकती है।  

पुरी ने पुणे इंटरनेशनल सेंटर के 14वें स्थापना दिवस पर एक व्याख्यान में कहा कि वह लंबे समय से इस मुद्दे का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी वरिष्ठ सहयोगी, वित्त मंत्री, ने भी इस दिशा में सकारात्मक बातें की हैं। मंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल राज्यों के लिए महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत हैं, और इसलिए सभी राज्यों की सहमति आवश्यक होगी।

ऊर्जा सुरक्षा पर जोर
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए ईंधन की खोज और उत्पादन को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने यह भविष्यवाणी की कि अगले दो दशकों में भारत दुनिया की कुल ऊर्जा खपत में 25 प्रतिशत का योगदान देगा।

राज्यों की भूमिका और चुनौती
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पेट्रोल और डीजल राज्यों के लिए महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी राज्यों की सहमति की आवश्यकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि सभी राज्यों का इसमें शामिल होना कठिन है, क्योंकि शराब और ऊर्जा जैसे उत्पादों पर राज्य करों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।

केरल हाईकोर्ट की टिप्पणी
हरदीप सिंह पुरी ने केरल हाईकोर्ट के उस सुझाव का भी उल्लेख किया, जिसमें जीएसटी परिषद में इस मुद्दे पर चर्चा करने की बात कही गई थी। लेकिन केरल के वित्त मंत्री ने इससे असहमति जताई, क्योंकि गैर-भाजपा शासित राज्य पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला अतिरिक्त वैट छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

 इस स्थिति में, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए सहमति स्थापित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा, लेकिन यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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