Edited By Rahul Singh,Updated: 16 Aug, 2024 02:03 PM
कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद हरियाणा सरकार की ओर से अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी कॉलेजों में सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं।
नैशनल डैस्क : कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद हरियाणा सरकार की ओर से अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी कॉलेजों में सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं। मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च डिपार्टमेंट की एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी डॉ सुमिता मिश्रा ने मेडिकल कॉलेजों को अपने निकटतम पुलिस स्टेशन, SHO और DSP के साथ घनिष्ठ संपर्क बनाए रखने का निर्देश दिया है। आदेश में आगे कहा गया है कि सभी छात्रावासों के बाहर, मुख्य द्वार, सड़कों, गोलचक्करों, अलग-अलग अस्पतालों/कॉलेज ब्लॉकों में परिसर और उसके हर तल पर सीसीटीवी लगाए जाने चाहिए।
आदेश में आगे कहा गया है कि सुरक्षा के मद्देनजर कॉलेज परिसर में जहां भी सीसीटीवी और परिवहन की जरूरत हो, तत्काल पूरी करें। 48 घंटे में अनुपालन की एक रिपोर्ट मुख्यालय में भिजवाएं। मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च डिपार्टमेंट की एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी डॉ सुमिता मिश्रा की और से आदेश जारी किए गए हैं। इसके तहत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक पुलिस पोस्ट हो जो 24 घंटे खुली हो। इसमें कम से कम एक महिला पुलिसकर्मी इसमें तैनात हों। सारे हॉस्टल्स में, गेट्स पर, रोड पर CCTV कैमरा लगे हों और सीसीटीवी की मॉनिटरिंग 24 घंटे हो और रेगुलर सिक्योरिटी की गश्त हो।
कलकत्ता में एक डॉक्टर के साथ जो वारदात हुई तो उस घटना को ध्यान में रखते हुए मैंने कुछ निर्णय लिये और दिशानिर्देश दिये। हरियाणा में जितने भी मेडिकल कॉलेज हैं वहाँ सीसीटीवी कैमरा लगाना अब अनिवार्य कर दिया है। डॉक्टर्स, विद्यार्थी, नर्स ख़ासकर महिलाओं के लिए लिये सुरक्षित, बेख़ौफ़ और सम्मानपूर्ण वातावरण के निर्माण की ओर ये दिशानिर्देश शीध्र-अतिशीघ्र कार्यान्वयन में आ जाएँगे:- मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च डिपार्टमेंट की एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी डॉ सुमिता मिश्रा
सीसीटीवी फुटेज पर नियमित रूप से नजर रखने के लिए सुरक्षा कर्मियों के लिए एक नियंत्रण कक्ष होना चाहिए, जिसमें कम से कम तीन महीने का स्टोरेज रिकॉर्डिंग बैकअप, सभी ओपीडी और बाहरी वार्डों में सुरक्षा गार्ड की तैनाती होनी चाहिए। नियमित सुरक्षा गश्त सुनिश्चित करते हुए संभावित सुरक्षा जोखिमों की पहचान करने और उनका समाधान करने के लिए रेगुलर सुरक्षा ऑडिट करने का सुझाव दिया गया है. कर्मचारियों के लिए आईडी बैज, कीकार्ड या बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण सहित सुरक्षित पहुंच नियंत्रण लागू करने का प्रावधान किया है। इसके अलावा इमरजेंसी रिस्पॉन्स प्लान विकसित करने के लिए कहा गया है।