Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Oct, 2024 12:30 PM
हरियाणा सरकार ने पराली जलाने के मामले में कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। कृषि विभाग ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही, ऐसे किसानों को अगले 2 वर्षों तक ई-खरीद...
नेशनल डेस्क; हरियाणा सरकार ने पराली जलाने के मामले में कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। कृषि विभाग ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही, ऐसे किसानों को अगले 2 वर्षों तक ई-खरीद (e-Kharid) पोर्टल के माध्यम से अपनी फसल बेचने की अनुमति नहीं मिलेगी।
लाल प्रविष्टियों का प्रावधान:
पराली जलाने के दोषी किसानों के कृषि अभिलेखों में एक लाल प्रविष्टि की जाएगी, जिससे उन्हें मंडियों में अपनी फसल बेचने से रोका जाएगा। यह आदेश वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQM) को सूचित करने के बाद जारी किया गया, जिसमें कहा गया था कि उसने पराली जलाने में भाग लेने वाले किसानों के खिलाफ "लाल प्रविष्टियां" दर्ज करना शुरू कर दिया है।
संख्याओं का खुलासा:
14 अक्टूबर तक, 232 किसानों के खिलाफ लाल प्रविष्टियां दर्ज की जा चुकी हैं। यह कदम हरियाणा में वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने और प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
इस प्रकार, हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, जिससे किसानों को सख्त दंड का सामना करना पड़ सकता है।