Edited By Tanuja,Updated: 19 Feb, 2025 01:59 PM
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘‘भारत में चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने'' के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर के आवंटन के मकसद पर सवाल उठाया है...
New York: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘‘भारत में चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने'' के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर के आवंटन के मकसद पर सवाल उठाया है। बिलियनेयर एलन मस्क द्वारा संचालित सरकारी कार्यदक्षता विभाग यानि US Department of Government Efficiency (DOGE) जिसने भारत में "वोटर टर्नआउट" बढ़ाने के लिए दिए गए $21 मिलियन के अनुदान को खत्म करने के सवाल पर ट्रंप ने फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो निवास पर कहा, "हम भारत को $21 मिलियन क्यों दे रहे हैं? उनके पास तो बहुत पैसा है। वे दुनिया के सबसे ज्यादा टैक्स लेने वाले देशों में से एक हैं, और उनकी टैरिफ इतनी ज्यादा हैं कि हम मुश्किल से ही वहां व्यापार कर पाते हैं।
ट्रंप ने कहा कि मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन भारत में वोटर टर्नआउट के लिए $21 मिलियन देना उचित नहीं और फिर यहां हमारे वोटर टर्नआउट का क्या?" उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘भारत दुनिया में सबसे अधिक कर लगाने वाले देशों में से एक है'।'' उन्होंने ये टिप्पणियां एलन मस्क के नेतृत्व वाले DOGE द्वारा यह खुलासा किए जाने के बाद की कि ‘USAID' ने भारत में मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग को 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया है। निजी अमेरिकी वांतरिक्ष (एयरोस्पेस) और अंतरिक्ष परिवहन सेवा कंपनी स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन (स्पेसएक्स) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मस्क के नेतृत्व में 16 फरवरी को सरकारी कार्यदक्षता विभाग ने उन सभी मदों की सूची बनाई जिन पर ‘‘अमेरिकी करदाताओं के पैसे खर्च किए जाएंगे।''
इस सूची में ‘‘भारत में मतदान के दौरान मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर'' का अनुदान भी शामिल था। सरकारी कार्यदक्षता विभाग ने बताया कि इन सभी मदों को रद्द कर दिया गया है। इस सूची में ‘‘बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने'' के लिए 2.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर का आवंटन, साथ ही नेपाल में ‘‘राजकोषीय संघवाद'' के लिए दो करोड़ अमेरिकी डॉलर और वहां ‘‘जैव विविधता संरक्षण'' के लिए 1.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर का आवंटन भी शामिल है, जिन्हें रद्द कर दिया गया है।
अपने स्वामित्व वाले निजी रिजॉर्ट ‘मार-ए-लागो' में मंगलवार को कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘‘...भारत में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता हम क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत पैसा आता है। हमारे संदर्भ में भारत दुनिया में सबसे अधिक कर लगाने वाले देशों में से एक है। उनके शुल्क बहुत अधिक हैं...'' उन्होंने मंगलवार को कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें संघीय सरकार द्वारा करदाताओं के पैसे की फिजूलखर्ची के बारे में ‘आमूल-चूल पारदर्शिता' की आवश्यकता वाले ज्ञापन शामिल थे।