Edited By Radhika,Updated: 19 Dec, 2024 12:40 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने केजी, पहली और तीसरी कक्षा में पढ़ रहे उन बच्चों को राहत दी है, जिन्हें अपने टिफिन में कथित तौर पर मांसाहार लाने के लिए अमरोहा जिले के स्कूल से निकाल दिया गया था।
नेशनल डेस्क: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने केजी, पहली और तीसरी कक्षा में पढ़ रहे उन बच्चों को राहत दी है, जिन्हें अपने टिफिन में कथित तौर पर मांसाहार लाने के लिए अमरोहा जिले के स्कूल से निकाल दिया गया था। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की खंडपीठ ने अमरोहा जिले की साबरा और उनके तीन बच्चों द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला मजिस्ट्रेट को दो सप्ताह के भीतर इन बच्चों का दाखिला केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध किसी दूसरे स्कूल में करवाने और एक अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
याचिका में कहा गया है कि इन नाबालिग बच्चों के टिफिन में मांसाहार दिये जाने को लेकर स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा आपत्ति की गई और इन बच्चों को स्कूल से बाहर निकाल दिया गया। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि ये बच्चे केजी, पहली और तीसरी कक्षा में पढ़ रहे नाबालिग बच्चे हैं और स्कूल के इस निर्णय से उनकी शिक्षा का अधिकार प्रभावित हुआ है। अदालत ने 17 दिसंबर को दिए अपने निर्णय में इस मामले में छह जनवरी, 2025 को नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि यदि जिला मजिस्ट्रेट, अमरोहा द्वारा कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया जाता है तो उन्हें अगली तारीख पर व्यक्तिगत तौर पर पेश होना होगा।