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Health Alert: आपके बच्चे के दिल में भी हो सकता है छेद? जानिए इस खतरनाक समस्या के बारे में सबकुछ

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 18 Feb, 2025 12:50 PM

health alert for child can your child also have a hole in the heart

भारत में बच्चों में दिल के छेद की समस्या बढ़ती जा रही है और यह स्वास्थ्य क्षेत्र पर भारी दबाव बना सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, हर घंटे लगभग चार बच्चे दिल में छेद के साथ जन्म लेते हैं। यह एक जन्मजात हृदय दोष है जो समय रहते उपचार न मिलने पर कई गंभीर...

नेशनल डेस्क: भारत में बच्चों में दिल के छेद की समस्या बढ़ती जा रही है और यह स्वास्थ्य क्षेत्र पर भारी दबाव बना सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, हर घंटे लगभग चार बच्चे दिल में छेद के साथ जन्म लेते हैं। यह एक जन्मजात हृदय दोष है जो समय रहते उपचार न मिलने पर कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इस समस्या से पीड़ित बच्चों को जल्द से जल्द विशेषज्ञ से इलाज की आवश्यकता होती है।

दिल में छेद, क्या है यह समस्या?

दिल में छेद होने की बीमारी को मेडिकल भाषा में वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (VSD) कहते हैं। यह एक जन्मजात हृदय दोष है, जिसका कारण हृदय के निचले कक्षों (वेंट्रिकल्स) के बीच असामान्य छेद होना है। इस स्थिति के कारण ऑक्सीजनयुक्त रक्त का कुछ हिस्सा फेफड़ों में वापस आ जाता है, जिससे बच्चे के शरीर में रक्त का सामान्य संचार बाधित हो सकता है।

यह स्थिति शिशुओं में आम है, और अक्सर छोटे आकार के छेद बिना किसी उपचार के ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर छेद बड़ा है, तो इससे गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और ऐसी स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

दिल में छेद के कारण क्या है वजह?

डॉक्टरों का मानना है कि इस समस्या का कारण गर्भावस्था के दौरान हृदय का सही तरीके से विकसित न होना है। जब हृदय को बाएं और दाएं हिस्सों में बांटने वाली मांसपेशियां पूरी तरह से विकसित नहीं हो पातीं, तो एक गैप बन जाता है। यह गैप या छेद बाद में वीएसडी का कारण बनता है। हालांकि, इस बीमारी के ठीक कारणों को लेकर कई अध्ययन चल रहे हैं, लेकिन यह माना जाता है कि आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारक इस समस्या को बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं। कुछ मामलों में, दिल में छेद अन्य हृदय समस्याओं के साथ भी पाया जा सकता है।

दिल में छेद के लक्षण कब पहचानें?

हृदय में छेद होने के लक्षण सामान्यत: जन्म के पहले कुछ हफ्तों या महीनों में ही दिखाई देने लगते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं:

  • सांस लेने में तकलीफ: बच्चे को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है या बहुत तेजी से सांस लेने की समस्या हो सकती है।
  • घरघराहट की आवाज: स्टेथोस्कोप से सुनने पर दिल की धड़कन में असामान्यता दिखाई देती है।
  • अत्यधिक थकान या कमजोरी: बच्चे को लगातार थकान या कमजोरी महसूस हो सकती है।
  • अनियमित हार्ट बीट: दिल की धड़कन बहुत ज्यादा या कम हो सकती है।

यदि आपके बच्चे में इनमें से कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत एक विशेषज्ञ से संपर्क करें।

जोखिम में रहने वाले बच्चे

हालांकि यह समस्या किसी भी बच्चे को हो सकती है, लेकिन कुछ बच्चों में इसका जोखिम अधिक देखा जाता है।

  • समय से पहले जन्मे बच्चे: जो बच्चे प्री-मैच्योर होते हैं, उनमें वीएसडी होने की संभावना ज्यादा होती है।
  • आनुवंशिक रोग: जिन बच्चों को डाउन सिंड्रोम या अन्य आनुवंशिक स्थितियों की समस्या होती है, उन्हें वीएसडी का खतरा अधिक होता है।
  • अन्य हृदय समस्याएं: वीएसडी के साथ पैदा हुए बच्चों को अक्सर अन्य हृदय समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (ASD) या डबल आउटलेट सिंड्रोम।

उपचार क्या है समाधान?

वीएसडी का इलाज स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। यदि छेद छोटा है और किसी बड़ी समस्या का कारण नहीं बन रहा है, तो बिना सर्जरी के भी इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन अगर छेद बड़ा है और इससे शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, तो डॉक्टर सर्जरी करने का सुझाव दे सकते हैं।


 

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