Edited By Parminder Kaur,Updated: 13 Dec, 2024 10:03 AM
आजकल कम उम्र में ही लोग डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियों और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन बीमारियों का एक बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल है। ये सभी बीमारियाँ नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (NCDs) यानी गैर-संचारी...
नेशनल डेस्क. आजकल कम उम्र में ही लोग डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियों और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन बीमारियों का एक बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल है। ये सभी बीमारियाँ नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (NCDs) यानी गैर-संचारी बीमारियाँ हैं। इनका मतलब है कि ये बीमारियाँ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलतीं और इनका विकास अक्सर काफी समय लेता है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि साल 1990 में इन बीमारियों से होने वाली मौतों का अनुपात 37.9% था, जो 2016 में बढ़कर 61.8% हो गया। आज के समय में भारत में 66% से ज्यादा मौतें नॉन-कम्युनिकेबल बीमारियों के कारण हो रही हैं। इन बीमारियों में मुख्य रूप से दिल से जुड़ी बीमारियाँ, डायबिटीज, कैंसर और सांस से जुड़ी बीमारियाँ शामिल हैं।
खराब आदतों और लाइफस्टाइल का असर
विशेषज्ञों के अनुसार, इन बीमारियों के बढ़ने के कई कारण हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारण हैं - खाने-पीने की खराब आदतें, शारीरिक गतिविधि का न होना (एक्सरसाइज न करना), वायु प्रदूषण, धूम्रपान, मोटापा और तनाव। अगर इन आदतों को समय रहते नहीं बदला गया तो आने वाले समय में इन बीमारियों से जूझने वाले लोगों की संख्या में और भी बढ़ोतरी हो सकती है। इसका सबसे बड़ा असर निम्न और मध्यम आय वाले देशों पर पड़ रहा है। करीब 85% असामयिक मौतें इन देशों में हो रही हैं।
मोटापा और बढ़ती आय का कनेक्शन
दिल्ली मेडिकल काउंसिल के चेयरमैन डॉ. अरुण गुप्ता का कहना है कि एक और बड़ा कारण यह है कि जैसे-जैसे लोगों की आय बढ़ी है और उनकी जीवनशैली बेहतर हुई है, वैसे-वैसे मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मामलों में भी वृद्धि हुई है। इन बीमारियों के लिए अस्वास्थ्यकर भोजन, शारीरिक निष्क्रियता, तनाव और गलत आदतें मुख्य कारण हैं।
आने वाली महामारी
डॉ. गुप्ता के अनुसार, अगले दशक में इन नॉन-कम्युनिकेबल बीमारियों को लेकर एक महामारी का सामना करना पड़ सकता है। इन बीमारियों से बचने के लिए हमें मानसिक रूप से तैयार रहना होगा। इसके लिए जरूरी है कि लोग अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं, संतुलित आहार लें, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और तनाव को नियंत्रित करने के उपाय अपनाएं।
क्या किया जा सकता है?
इन बीमारियों से बचाव के लिए सबसे अहम कदम है – स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने खानपान पर ध्यान दें, ज्यादा तला-भुना और चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थों से बचें और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में शामिल हों। साथ ही मानसिक तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान और बेहतर नींद लेने की आदत डालनी चाहिए।