mahakumb

श्रीलंका में अडानी के विंड पावर प्रोजेक्ट पर जबरदस्त बवाल, विरोध के पीछे कौन ?

Edited By Tanuja,Updated: 30 Jan, 2025 05:20 PM

hidden hand behind opposition to adani wind power project in sri lanka

श्रीलंका में अडानी ग्रुप की 500 मेगावाट की विंड पावर परियोजना को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। यह परियोजना उत्तरी श्रीलंका के  मन्नार और पुनेरिन में स्थापित की जा रही...

International Desk: श्रीलंका में अडानी ग्रुप की 500 मेगावाट की विंड पावर परियोजना को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। यह परियोजना उत्तरी श्रीलंका के  मन्नार और पुनेरिन में स्थापित की जा रही है, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। हालांकि, इस प्रोजेक्ट के खिलाफ स्थानीय लोगों और कुछ राजनीतिक दलों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।  

 


 क्या है अडानी की परियोजना ?   
अडानी ग्रुप को  2023 में श्रीलंकाई कैबिनेट  से इस परियोजना की मंजूरी मिली थी। यह भारत द्वारा श्रीलंका में ग्रीन एनर्जी इन्वेस्टमेंट  का एक बड़ा हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 50 करोड़ डॉलर बताई जा रही है और इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।  इस परियोजना का उद्देश्य श्रीलंका को  स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराना और उसकी बिजली जरूरतों को पूरा करना है। इससे  श्रीलंका की ऊर्जा निर्भरता  घटेगी और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध भी मजबूत होंगे।  
 

ये भी पढ़ेंः-भूकंप के झटकों से फिर दहला ताइवान, 5.6 रही तीव्रता
 

 विरोध के कारण  
 विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह परियोजना स्थानीय पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा सकती है, खासकर  मन्नार क्षेत्र , जो प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।  कुछ स्थानीय समूहों को डर है कि इस परियोजना से उनकी ज़मीन छीनी जा सकती है और उन्हें विस्थापित होना पड़ सकता है। श्रीलंका में कुछ राजनीतिक दलों ने भी इस परियोजना का विरोध किया है। कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि चीन समर्थित गुट इस विरोध को बढ़ावा दे सकते हैं, क्योंकि चीन पहले भी श्रीलंका में ऊर्जा और बुनियादी ढांचे  के क्षेत्र में निवेश करता रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के निवेश से श्रीलंका की विदेश नीति पर असर पड़ सकता है और चीन तथा अन्य देश इसे रणनीतिक खतरे के रूप में देख सकते हैं।  


ये भी पढ़ेंः-स्वीडन में कुरान जलाने वाले सलवान मोमिका की गोली मारकर हत्या (Video) 

 कोई 'छुपा हुआ हाथ' !
अडानी ग्रुप की यह परियोजना ऐसे समय पर सामने आई है जब  भारत और चीन  के बीच श्रीलंका में प्रभाव बढ़ाने की होड़  जारी है। श्रीलंका में पहले ही हंबनटोटा पोर्ट और अन्य रणनीतिक परियोजनाओं में चीन का बड़ा निवेश रहा है। अब जब भारत श्रीलंका में ग्रीन एनर्जी सेक्टर में निवेश कर रहा है, तो कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन समर्थित लॉबी अडानी प्रोजेक्ट को असफल करने की कोशिश कर रही है।  

ये भी पढ़ेंः-लॉन्च के एक हफ्ते बाद ही चीनी DeepSeek AI लाया भूचाल, US में 600 अरब डॉलर का पहुंचाया नुकसान,  कई देशों ने किया बैन

 

श्रीलंका सरकार का रुख    
श्रीलंका सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह परियोजना राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी है और इससे श्रीलंका को  बिजली संकट से उबरने में मदद मिलेगी। सरकार ने स्थानीय लोगों को यह आश्वासन भी दिया है कि उनकी ज़मीन और पर्यावरण को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।  अडानी की यह परियोजना श्रीलंका के लिए आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है। लेकिन इसका विरोध यह संकेत देता है कि यह केवल स्थानीय लोगों का विरोध नहीं है , बल्कि इसके पीछे बड़े राजनीतिक और रणनीतिक हित भी जुड़े हो सकते हैं।  

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!