Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Sep, 2024 01:20 PM
बदलापुर एनकाउंटर पर हाई कोर्ट ने पुलिस से किए सख्त सवाल किए। अक्षय शिंदे के एनकाउंटर से जुड़ी परिस्थितियों पर कोर्ट को बताया गया कि घटना के समय अधिकारी वर्दी में नहीं था, और पिस्तौल बाईं ओर थी, जो उस समय लॉक भी नहीं थी। जब अक्षय शिंदे ने बंदूक...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे का एनकाउंटर किया गया, जिसके खिलाफ अक्षय के पिता ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने एनकाउंटर पर गंभीर सवाल उठाए हैं और इसमें गड़बड़ी की आशंका जताई है।
अक्षय शिंदे के एनकाउंटर से जुड़ी परिस्थितियों पर कोर्ट को बताया गया कि घटना के समय अधिकारी वर्दी में नहीं था, और पिस्तौल बाईं ओर थी, जो उस समय लॉक भी नहीं थी। जब अक्षय शिंदे ने बंदूक खींची, तो पिस्तौल अनलॉक हो गई और गोली चल गई। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस बात पर यकीन करना मुश्किल है, क्योंकि पिस्तौल से गोली चलाने के लिए ताकत की जरूरत होती है। कोर्ट ने सवाल किया कि सिर पर गोली क्यों मारी? जिस अधिकारी ने गोली चलाई वह किस बैच का था, जिस पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से कहा गया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने की मांग
अक्षय शिंदे की ओर से वकील अमित कटरनावारे ने कोर्ट से कहा कि घटना के वक्त की सभी दुकानों की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखी जाए। उन्होंने कहा कि अक्षय शिंदे से जेल में उसके माता-पिता की मुलाकात हुई थी, जहां उसने उनसे बातचीत में जमानत के बारे में पूछा था। उन्होंने यह भी दावा किया कि अक्षय मानसिक रूप से किसी अपराध को अंजाम देने की स्थिति में नहीं था, जैसा कि पुलिस ने आरोप लगाया है कि उसने पिस्तौल छीनकर अधिकारियों पर गोली चला दी।
वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि अक्षय ने अपने माता-पिता से 500 रुपये मांगे थे, ताकि वह जेल की कैंटीन से खाने-पीने की चीजें ले सके। उन्होंने तर्क दिया कि अक्षय न तो भागने की योजना बना रहा था और न ही उसकी शारीरिक क्षमता पुलिस अधिकारी से पिस्तौल छीनने की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि आगामी चुनावों के मद्देनज़र अक्षय की हत्या की गई है।
फर्जी एनकाउंटर की जांच की मांग
अक्षय शिंदे के पिता के वकील ने कोर्ट में कहा कि यह मामला फर्जी एनकाउंटर का है और इसकी जांच सीआईडी या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा होनी चाहिए। उन्होंने एसआईटी (विशेष जांच दल) पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह पीड़ित को न्याय दिलाने में विफल रही है। अदालत से एसआईटी के गठन के निर्देश की मांग की गई, ताकि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वकील ने बताया कि सीआईडी ने पहले ही इस मामले की जांच शुरू कर दी है। अक्षय के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि एक अन्य रिपोर्ट एक्सीडेंटल डेथ के तहत दर्ज की गई है।