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बार, शराब और फिर फ्लैट में जाकर बनाए संबंध: हाईकोर्ट ने कहा – महिला ने खुद चुना रास्ता, आरोपी को जमानत

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 11 Apr, 2025 10:44 AM

high court s the rape victim herself chose trouble she is responsible

जस्टिस संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने निश्चल चांडक की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे राहत दी है। आरोपी पर एक महिला के साथ दुष्कर्म का आरोप है लेकिन कोर्ट ने इस याचिका पर फैसला देते हुए कहा कि पीड़िता ने स्वयं अपनी एफआईआर में स्वीकार किया था कि...

नेशनल डेस्क। जस्टिस संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने निश्चल चांडक की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे राहत दी है। आरोपी पर एक महिला के साथ दुष्कर्म का आरोप है लेकिन कोर्ट ने इस याचिका पर फैसला देते हुए कहा कि पीड़िता ने स्वयं अपनी एफआईआर में स्वीकार किया था कि वह स्वेच्छा से तीन महिला मित्रों के साथ दिल्ली के एक बार में गई थी जहां उन्होंने शराब पी। इसके बाद आरोपी ने पीड़िता को अपने घर चलने के लिए कहा और नशे की हालत में महिला सहमति से उसके साथ चली गई। आरोप है कि उसके बाद आरोपी ने उसे एक फ्लैट में ले जाकर दुष्कर्म किया।

आरोपी दिसंबर 2024 से जेल में है

महिला की शिकायत पर गौतमबुद्ध नगर के थाना सेक्टर 126 में आरोपी निश्चल चांडक के खिलाफ दुष्कर्म की धाराओं में मामला दर्ज हुआ था। आरोपी 11 दिसंबर 2024 से जेल में बंद है और उसने अपनी जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

 

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आरोपों पर क्या था आरोपी का बचाव?

आरोपी के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि अगर सारे आरोप सत्य भी मान लिए जाएं तो यह मामला दुष्कर्म का नहीं बल्कि दोनों के बीच सहमति से बने संबंध का है। उनका कहना था कि आरोपी और पीड़िता के बीच कोई अपराध नहीं हुआ है और यह एक आपसी सहमति का मामला था।

सरकारी अधिवक्ता ने किया विरोध

वहीं सरकारी अधिवक्ता ने जमानत की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए। सरकारी पक्ष का कहना था कि आरोपी को जमानत मिलनी मामले की गंभीरता और आरोपी के खिलाफ साक्ष्य के मद्देनजर उचित नहीं होगा।

 

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कोर्ट का निर्णय और जमानत की शर्तें

कोर्ट ने आरोपी के वकील की दलील को भी ध्यान में रखा जिसमें यह कहा गया था कि आरोपी न्यायिक प्रक्रिया से भागने या साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करेगा। अदालत ने यह भी माना कि आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह पिछले कुछ महीनों से जेल में बंद है। कोर्ट ने यह निर्णय लिया कि यदि आरोपी को जमानत दी जाती है तो वह इसका दुरुपयोग नहीं करेगा और मामले के शीघ्र निपटान में सहयोग करेगा।

वहीं इस सबूतों और तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट ने निश्चल चांडक की जमानत याचिका मंजूर कर दी।

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