मानसून की एंट्री से भीगा हिमाचल, मौसम विभाग का इन सात जिलों के लिए ओरेंज अलर्ट; हो सकती है भारी बारिश

Edited By Pardeep,Updated: 28 Jun, 2024 09:42 PM

himachal drenched with the entry of monsoon

हिमाचल प्रदेश में शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में शुक्रवार को भारी वर्षा हुई तथा मौसम विभाग ने सप्ताहांत में राज्य के 12 में से सात जिलों में अलग-अलग स्थानों पर ‘भारी वर्षा' होने, गरज के साथ बौछारें पड़ने और बिजली गिरने का संकेत देते हुए...

नेशनल डेस्कः हिमाचल प्रदेश में शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में शुक्रवार को भारी वर्षा हुई तथा मौसम विभाग ने सप्ताहांत में राज्य के 12 में से सात जिलों में अलग-अलग स्थानों पर ‘भारी वर्षा' होने, गरज के साथ बौछारें पड़ने और बिजली गिरने का संकेत देते हुए ‘ओरेंज' चेतावनी जारी की। 

मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने, गरज के साथ बौछारें पड़ने, बिजली गिरने की ‘येलो' चेतावनी भी जारी की। साथ ही अगले बृहस्पतिवार तक राज्य में वर्षा होते रहने का अनुमान व्यक्त किया। दक्षिण पश्चिम मानसून बृहस्पतिवार को हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में पहुंचा। वैसे मानसून पहुंचने में पांच दिनों की देरी हुई है। 

चंबा, कांगड़ा, कुल्लू समेत इन जिलों के लिए मौसम विभाग का ओरेंज अलर्ट
विभाग ने शनिवार और रविवार के वास्ते चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों के लिए ‘ओरेंज' चेतावनी जारी की। अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार को दिन में शिमला में कई स्थानों पर नालों से मलबा सड़क पर आ गया तथा मलयाना सुराला रोड पर एक नाले के समीप तीन वाहन मलबे में दब गये, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। राज्य आपात अभियान केंद्र के अनुसार एक अन्य घटना में कांगड़ा में दो सड़कें तथा किन्नौर एवं कुल्लू जिलों में एक-एक सड़क वर्षा के बाद यातायात के लिए अवरुद्ध हो गयी। राज्य की राजधानी शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई है। शिमला में 84 मिलीमीटर और उपनगरीय क्षेत्र जुब्बारहट्टी में 136 मिलीमीटर बारिश हुई। 

मौसम विभाग के मुताबिक, गोहर में 42 मिलीमीटर, माशोबरा में 39.5 मिलीमीटर, स्लापर में 34.6 मिलीमीटर, कुफरी और शिलारू में 24.2 मिलीमीटर, सराहन और बर्थिन में 22 मिलीमीटर, घागस में 18.8 मिलीमीटर, कारसोग में 18.2 मिलीमीटर, काहू में 16 मिलीमीटर और पंडोह में 12 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विभाग ने तेज हवा और वर्षा से बागानों, बागवानी, खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचने, कमजोर पड़ गये ढांचों और मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचने, यातायात बाधित होने और निचले क्षेत्रों में पानी जमा होने की चेतावनी दी है।

राज्य सरकार मानसून से उत्पन्न होने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयारः सीएम सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिले में चोपाल के समीप नेरवा से नुकसान की खबर आने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्य के लोगों से नदियों एवं नालों से दूर रहने का अनुरोध करता हूं, क्योंकि बादल फटने के बाद जलस्तर बढ़ता है जो घातक हो सकता है, ऐसे में लोग सावधानी बरतें।'' उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मानसून से उत्पन्न होने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में काम करने वाले सभी कर्मियों से सक्रिय रहने को कहा गया है और मैं भी स्थिति का जायजा ले रहा हूं।'' 

इस बीच राज्य के लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट की और उनसे आगामी मानसून में राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ने वाली लोकनिर्माण विभाग की सड़कों की मरम्मत के लिए उनके द्वारा घोषित 150 करोड़ रुपये जारी करने का अनुरोध किया। कुल्लू जिले के भूंतर 37 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तामपान के साथ सबसे गर्मस्थान रहा जबकि जनजातीय लाहौल एवं स्पीति में कुकुमसेरी 8.1 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडी जगह रही।

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