Edited By Anu Malhotra,Updated: 02 Dec, 2024 09:28 AM
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के लैंड-सीलिंग एक्ट में बदलाव करने की योजना बनाई है। यह बदलाव राधा स्वामी सत्संग ब्यास के अनुरोध पर किया जा रहा है, जो प्रदेश में जमीन के मालिकाना हक से संबंधित विवादों के बीच आता है। इस एक्ट में बदलाव का निर्णय...
नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के लैंड-सीलिंग एक्ट में बदलाव करने की योजना बनाई है। यह बदलाव राधा स्वामी सत्संग ब्यास के अनुरोध पर किया जा रहा है, जो प्रदेश में जमीन के मालिकाना हक से संबंधित विवादों के बीच आता है। इस एक्ट में बदलाव का निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया है।
क्या है लैंड-सीलिंग एक्ट?
लैंड-सीलिंग एक्ट का उद्देश्य एक व्यक्ति के पास भूमि की अधिकतम सीमा निर्धारित करना है ताकि कोई व्यक्ति बड़ी भूमि संपत्ति पर एकाधिकार न बना सके। इस एक्ट के तहत निर्धारित सीमा से अधिक भूमि रखने वाले किसानों को अपनी जमीन बेचने या वितरित करने के लिए बाध्य किया जाता है।
भोटा में अस्पताल की सेवाएं फिर से शुरू, दीवारों से हटाए गए नोटिस
वहीं अब हिमाचल सरकार के आश्वासन के बाद भोटा स्थित राधास्वामी चैरिटेबल अस्पताल में सोमवार से सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। अस्पताल प्रबंधन ने दीवारों पर लगे उस नोटिस को हटा दिया है, जिसमें 1 दिसंबर 2024 से सेवाएं बंद करने की बात कही गई थी। यह नोटिस जीएसटी विवाद को लेकर लगाया गया था। इसके बाद सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए थे और सरकार से राहत की मांग की थी। अब सरकार से आश्वासन मिलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है, और अस्पताल की सेवाएं फिर से सामान्य रूप से चलने लगी हैं।
राधा स्वामी सत्संग ब्यास का मांग
राधा स्वामी सत्संग ब्यास, जो राज्य के प्रमुख धार्मिक और सामाजिक संगठन के रूप में जाना जाता है, ने सरकार से इस एक्ट में बदलाव की मांग की थी। उनका कहना है कि यह एक्ट उनके धार्मिक स्थल के विकास के लिए बाधक बन रहा था।
विपक्ष में रहते हुए किया था विरोध
रोचक बात यह है कि जब सरकार विपक्ष में थी, तब उसने लैंड-सीलिंग एक्ट में बदलाव के खिलाफ विरोध किया था। वर्तमान में सरकार में आने के बाद, राधा स्वामी सत्संग ब्यास के अनुरोध पर बदलाव की प्रक्रिया को मंजूरी दी जा रही है।
विपक्ष का आरोप
विपक्ष ने इस फैसले को सरकार की दोगली नीति के रूप में पेश किया है। उनका कहना है कि जब विपक्ष में थे, तब यह एक्ट उनकी नजर में सही था, लेकिन अब सत्ता में आने के बाद उन्हें राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रभाव के कारण अपनी नीति बदलनी पड़ी।
इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले पर रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें अस्पताल को बंद करने के मुद्दे पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान सीएम सुक्खू ने संशोधन विधेयक पेश करने का निर्णय लिया। बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने अधिकारियों को इस विधेयक का मसौदा तुरंत तैयार करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में इसे पेश करने की बात भी कही गई है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि अस्पताल खुला रहे, ताकि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पहले राज्य सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास को राहत देने के लिए एक अध्यादेश लाने का विचार किया था, लेकिन विधानसभा सत्र के निकट होने के कारण अब संशोधन विधेयक पेश करना ज्यादा उचित होगा। आरएसएसबी इस अस्पताल को महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को हस्तांतरित करना चाहता है, क्योंकि वह इसे अपना सहयोगी संगठन मानता है। हालांकि, अस्पताल की भूमि का हस्तांतरण हिमाचल प्रदेश भूमि जोत सीमा अधिनियम के तहत संभव नहीं हो सका था, जिसके कारण यह मामला सरकार के पास गया है।