Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 21 Jul, 2024 04:17 PM
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लापता हुई एक हिंदू लड़की के माता-पिता ने उसकी ‘रहस्यमय' गुमशुदगी के बाद उसे ढूंढ़ निकालने ...
कराची: पाकिस्तान (Pakistan) के सिंध प्रांत में लापता हुई एक हिंदू लड़की के माता-पिता ने उसकी ‘रहस्यमय' गुमशुदगी के बाद उसे ढूंढ़ निकालने की मांग करते हुए यहां प्रदर्शन किया। सिंध प्रांत में सुक्कुर के पास संगरार में 19 अगस्त, 2021 को अपने घर के नजदीक मुहर्रम के जुलूस में शरबत बांटने के दौरान प्रिया कुमारी (तब सात साल की) रहस्यमय ढंग से लापता हो गई थी। बच्ची के लापता होने से दुखी उसके पिता राजकुमार पाल और मां वीना कुमारी ने शुक्रवार को यहां क्लिफ्टन क्षेत्र में प्रसिद्ध तीन तलवार स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया, ताकि लोगों को याद दिलाया जा सके कि उनकी बेटी अभी तक नहीं मिली है।
राज ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रशासन के लोगों ने) एक बार फिर हमें वादा किया है कि वे हमारी बेटी की तलाश कर रहे हैं और उसे शीघ्र बरामद कर लिया जाएगा।'' सिंध के गृह मंत्री जिया लांग्रोव और पुलिस महानिरीक्षक जावेद ओधो उनसे मिलने पहुंचे तथा उन्हें आश्वासन दिया कि एक पूर्ण संयुक्त जांच दल (जेआईटी) इस मामले की जांच कर रहा है। इसके बाद पाल और उनकी पत्नी ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। ओधो ने कहा कि जेआईटी के गठन के बाद भी किसी गवाह को याद नहीं आ रहा है कि उस छोटी लड़की के साथ उस दिन क्या हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जेआईटी इस मामले का हल करने के लिए दिन-रात काम कर रही है और हमारे पास शीघ्र जवाब होगा।'' प्रिया के लापता होने के तीन साल बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिला है। 2021 के मुहर्रम जुलूस के दौरान काफी भीड़ होने के बावजूद किसी भी गवाह को उसकी गुमशुदगी का समूचा परिदृश्य याद नहीं है।
सिंध में हिंदुओं की अच्छी-खासी संख्या है और राज के अनुसार प्रिया के लापता होने के बाद लोगों के मन में अपनी बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंता एवं डर समाया हुआ है। बच्चियों, किशोर या यहां तक कि विवाहित हिंदू महिलाओं का गायब होना और अपहरण होना प्रांत के कई हिस्सों में कोई असामान्य बात नहीं है, लेकिन ज्यादातर मामलों में, पीड़ित और उनका अपहरण करने वाले लोग देर-सबेर सामने आ ही जाते हैं और अदालतों का दरवाजा खटखटाते हैं। हिंदू समुदाय के नेताओं के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर मामलों में महिलाओं और लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कर दिया जाता है और उनका बहुत अधिक उम्र के लोगों के साथ विवाह कर दिया जाता है। इन नेताओं के अनुसार आम तौर पुलिस पीड़ित परिवारों के बजाय अपहर्ताओं का समर्थन करने का प्रयास करती है।