Edited By Harman Kaur,Updated: 30 Jan, 2025 05:42 PM
अखिल भारत हिंदू महासभा ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनकी हत्या का जश्न मनाया और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को सम्मान देकर विवाद खड़ा कर दिया। हिंदू महासभा से कथित तौर पर जुड़े गोडसे ने दिल्ली के बिड़ला हाउस में 30...
नेशनल डेस्क: अखिल भारत हिंदू महासभा ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनकी हत्या का जश्न मनाया और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को सम्मान देकर विवाद खड़ा कर दिया। हिंदू महासभा से कथित तौर पर जुड़े गोडसे ने दिल्ली के बिड़ला हाउस में 30 जनवरी 1948 को प्रार्थना सभा के दौरान गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसे 1949 में अंबाला जेल में फांसी दे दी गई थी।
अखिल भारत हिंदू महासभा के सदस्य 'अमर शहीद नाथूराम गोडसे नाना आप्टे धाम' में एकत्र हुए और गोडसे के कार्यों को 'याद' किया। महासभा के वरिष्ठ नेता और नाना आप्टे धाम के संस्थापक पंडित अशोक शर्मा ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया। समारोह में हवन और पूजा आदि की गई तथा हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। धार्मिक समारोह का उद्देश्य कथित तौर पर दुनिया भर से गांधीवाद का 'सफाया' करना था।
शर्मा ने मांग की कि केन्द्र सरकार महात्मा गांधी की 'राष्ट्रपिता' की उपाधि को वापस ले। महासभा ने गांधी जी की हत्या से जुड़े नाथूराम गोडसे और नारायण नाना आप्टे के परिवारों को सम्मानित करने की योजना की भी घोषणा की। कार्यक्रम का समापन समर्थकों के बीच मिठाई बांटने के साथ हुआ।
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हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई जाती है, ताकि भारत की आज़ादी के लिए उनके संघर्ष और बलिदान को याद किया जा सके। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी। इस दिन को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में याद किया जाता है, क्योंकि इस दिन ने अहिंसा, सत्य और एकता के प्रतीक नेता को खो दिया। आखिर क्यों नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी? जानें....