Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Mar, 2025 12:05 PM

हिंदू धर्म में धार्मिक अनुष्ठानों या शुभ कार्यों के दौरान हाथ में कलावा (मौली या रक्षासूत्र) बांधने की परंपरा है। यह पवित्र धागा देवी-देवताओं के आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। कलावा बांधने से व्यक्ति की हर प्रकार से रक्षा होती...
नेशनल डेस्क: हिंदू धर्म में धार्मिक अनुष्ठानों या शुभ कार्यों के दौरान हाथ में कलावा (मौली या रक्षासूत्र) बांधने की परंपरा है। यह पवित्र धागा देवी-देवताओं के आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। कलावा बांधने से व्यक्ति की हर प्रकार से रक्षा होती है।
कलावा कितने दिनों तक बांधकर रखना चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार, हाथ में कलावा 21 दिनों से अधिक नहीं बांधना चाहिए, क्योंकि इतने दिनों में उसका रंग उतरने लगता है, जिससे उसकी ऊर्जा कम हो जाती है। जिस कलावा का रंग उतर जाए, उसे उतार देना चाहिए। उतारा हुआ कलावा बहती नदी में प्रवाहित करना या किसी पेड़ के पास मिट्टी में दबाना शुभ माना जाता है।
कलावा बांधने के नियम:
-पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाहिने हाथ में, जबकि विवाहित महिलाओं को बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए।
-कलावा बांधते समय उस हाथ की मुट्ठी बंद रखें और दूसरा हाथ सिर पर रखें।
-कलावा 3, 5 या 7 बार कलाई पर लपेटना चाहिए।
-कलावा बांधने के बाद हाथ में रखी दक्षिणा उस व्यक्ति को भेंट करें जिसने कलावा बांधा है।
-इन नियमों का पालन करने से कलावा बांधने का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है और यह व्यक्ति की रक्षा करता है।