Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 18 Jan, 2025 04:11 PM
प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाला महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार इस आयोजन से राज्य की जीडीपी में 1% से अधिक...
नेशनल डेस्क: प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाला महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार इस आयोजन से राज्य की जीडीपी में 1% से अधिक की वृद्धि हो सकती है और कुल आर्थिक गतिविधि लगभग 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। महाकुंभ का आर्थिक प्रभाव व्यापक होगा, जो न केवल राज्य की तिमाही जीडीपी को मजबूत करेगा, बल्कि भारत की वार्षिक जीडीपी में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। खासकर जीएसटी संग्रहण में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, जो प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
45 दिन का आयोजन में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
महाकुंभ 2025 में करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इन श्रद्धालुओं की खरीदारी क्षमता में वृद्धि से राज्य की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ होगा। अनुमान है कि प्रत्येक श्रद्धालु का औसत खर्च 10,000 रुपये तक हो सकता है। इससे अनुमानित आर्थिक गतिविधि 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। इस आंकड़े के अनुसार, केवल जीएसटी संग्रहण से लगभग 50,000 करोड़ रुपये की आय हो सकती है, और अन्य अप्रत्यक्ष करों से यह आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये तक जा सकता है।
महाकुंभ का बुनियादी ढांचे पर प्रभाव
महाकुंभ के दौरान सरकार द्वारा किए गए 16,000 करोड़ रुपये के निवेश से यूपी के बुनियादी ढांचे में भारी सुधार होगा। परिवहन, रेलवे, बिजली, और भूमि किरायों से होने वाली आय भी लगभग 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। इस आयोजन से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, खासकर विदेशी पर्यटकों के आगमन से। प्रयागराज में अब 5-स्टार और 7-स्टार होटल की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जिससे पर्यटन के क्षेत्र में भी बड़ा विकास होगा।
सरकार के विकास योजनाओं में योगदान
आर्थिक गतिविधियों से होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा राज्य के विकास में लगेगा, जिससे "सबका साथ, सबका विकास" का सपना साकार होगा। महाकुंभ का आध्यात्मिक महत्व तो है ही, लेकिन इसके साथ-साथ इसका आर्थिक महत्व भी बहुत बड़ा है। यह आयोजन राज्य के हर कोने में विकास को प्रेरित करेगा, और छोटे से लेकर बड़े व्यापारियों तक सभी को आर्थिक लाभ मिलेगा। महाकुंभ के दौरान जीएसटी संग्रहण में तीन गुना तक बढ़ोतरी और पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ने से राज्य की अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। वरिष्ठ अर्थशास्त्री और सीए पंकज गांधी जायसवाल के अनुसार, महाकुंभ यूपी की जीडीपी और समग्र आर्थिक गतिविधि में ऐतिहासिक वृद्धि का कारण बनेगा।