Edited By Tanuja,Updated: 29 Jan, 2025 12:16 PM
कनाडा की अदालत में 1985 के एयर इंडिया बम धमाके के आरोपी रिपुदामन सिंह मलिक की हत्या के दोषी हिटमैन, टैनर फॉक्स, को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इस घटना में मलिक की हत्या जुलाई...
International Desk: कनाडा की अदालत में 1985 के एयर इंडिया बम धमाके के आरोपी रिपुदामन सिंह मलिक की हत्या के दोषी हिटमैन, टैनर फॉक्स, को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इस घटना में मलिक की हत्या जुलाई 2022 में उनके व्यापार स्थल के बाहर गोली मारकर की गई थी। टैनर फॉक्स और उसके साथी जोस लोपेज़ ने अक्टूबर 2024 में रिपुदामन सिंह मलिक की हत्या के दूसरे दर्जे के आरोप में दोषी स्वीकार किया। यह दोनों ने अदालत में स्वीकार किया कि उन्हें मलिक की हत्या करने के लिए पैसे दिए गए थे, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह पैसे उन्हें किस व्यक्ति ने दिए थे। जोस लोपेज़ की अगली अदालत सुनवाई 6 फरवरी 2025 को निर्धारित है। 23 जून 1985 को एयर इंडिया की फ्लाइट 182, जो टोरंटो से मुंबई जा रही थी, आयरिश तट के पास विस्फोट के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।
इस विस्फोट में विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे। इस विमान का नाम "इंपेरर कनिष्का" था और यह बोइंग 747-237B विमान था। ह घटना 11 सितंबर 2001 को हुए हमलों से पहले सबसे बड़ी हवाई आतंकवादी घटना मानी जाती है। सभी यात्री भारतीय मूल के थे और इनमें अधिकांश कनाडाई नागरिक थे, जो भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रहे थे। यह घटना हवाई यात्रा की दुनिया में एक घातक हमले के रूप में दर्ज हुई। इसी दिन, जापान के नरिता एयरपोर्ट पर भी एक और धमाका हुआ था, जिसमें दो बैगेज हैंडलर्स की मौत हो गई थी, जो एयर इंडिया के एक अन्य विमान में बैग लोड कर रहे थे। जांच के दौरान पाया गया कि दोनों बम धमाके कनाडा के वैंकूवर से जुड़े थे, जो वहां बसे सिख समुदाय का घर है। कनाडा सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, इन बम धमाकों को कनाडा स्थित सिख अलगाववादी समूहों द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में भारत सरकार के खिलाफ किया गया था।
ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत भारतीय सेना ने पंजाब के स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में घुसकर सिख विद्रोहियों से लड़ाई लड़ी थी। कनाडा में इन बम धमाकों की जांच के दौरान दो प्रमुख संदिग्धों तलविंदर सिंह परमेश और इंदरजीत सिंह रेयात को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, परमेश, जो इस हमले के मास्टरमाइंड माने जाते थे, को सबूतों की कमी के कारण आरोपमुक्त कर दिया गया। रिपुदामन सिंह मलिक और अजीब सिंह बगरी, जिन पर बम धमाकों में शामिल होने का आरोप था, को 2000 में गिरफ्तार किया गया। 2005 में, दोनों को भी सबूत की कमी के कारण अदालत ने बरी कर दिया। इस मामले में इंदरजीत सिंह रेयात एकमात्र व्यक्ति हैं, जिन्हें इस हमले के लिए सजा दी गई। रेयात पर आरोप था कि उसने बम बनाए थे और वह इस मामले में झूठ बोलने के दोषी पाए गए थे।
रिपुदामन सिंह मलिक, जो कि इस धमाके के मामले में आरोपमुक्त हो गए थे, को जुलाई 2022 में कनाडा के वैंकूवर के उपनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद टैनर फॉक्स और जोस लोपेज़ को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने हत्या की योजना में अपनी भूमिका स्वीकार की। फॉक्स को अब उम्रभर की सजा मिली है, जबकि जोस लोपेज़ की सुनवाई फरवरी में होगी। हालांकि, यह पूरी घटना अभी तक अनसुलझे रहस्य को लेकर बनी हुई है, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि मलिक की हत्या के पीछे कौन था और उन्हें किसने आदेश दिया था।