Edited By Tanuja,Updated: 06 Jan, 2025 12:49 PM
कोविड-19 के लगभग पांच साल बाद, चीन एक नए स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस (HMPV) नामक वायरस ने चीन में तेजी से फैलना शुरू कर दिया...
International Desk: कोविड-19 के लगभग पांच साल बाद, चीन एक नए स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस (HMPV) नामक वायरस ने चीन में तेजी से फैलना शुरू कर दिया है, और इसके मामले अब पड़ोसी देशों मलेशिया और हांगकांग में भी सामने आ रहे हैं। हालांकि, अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस के प्रकोप पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन कई देशों ने अपनी जनता को एहतियात बरतने की सलाह दी है> HMPV वायरस, जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, दुनिया भर में फैलता जा रहा है, और इसके मामलों में वृद्धि हो रही है। चीन, मलेशिया, हांगकांग और भारत में इसके संक्रमण के मामलों से यह स्पष्ट होता है कि दुनिया को एक नए स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि यह वायरस अब तक महामारी का रूप नहीं ले पाया है, फिर भी इसके बढ़ते मामलों ने सरकारों और स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क कर दिया है।
भारत की अपने नागरिकों को सलाह
चीन से फैलते इस वायरस के मामले अब भारत तक भी पहुंच चुके हैं, जिससे देश में एक नई चिंता का माहौल बन गया है। भारत में स्वास्थ्य अधिकारियों ने एहतियात बरतने की सलाह दी है और संक्रमण से बचने के लिए सभी सावधानियों को अपनाने की अपील की है। वायरस की खतरनाकता और इसके संक्रमण की गति के मद्देनजर, भारत में भी इसके फैलने को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। मलेशिया में HMPV के मामलों के बाद, सरकार ने तुरंत नागरिकों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। मलेशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने और खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढकने की सलाह दी है।
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मंत्रालय ने कहा कि लोग भीड़-भाड़ वाले इलाकों और जोखिम वाले देशों की यात्रा करने से बचें, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। चीन के पड़ोसी देश हांगकांग में भी HMPV के कुछ मामले रिपोर्ट हुए हैं। यह वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में यह ब्रोंकाइटिस या निमोनिया का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस ऊपरी और निचले श्वसन संक्रमण का कारण बनता है, जो सर्दी या फ्लू जैसे लक्षणों के साथ आता है। बच्चों और बुजुर्गों में यह अधिक गंभीर हो सकता है।
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HMPV के लक्षण
HMPV वायरस कोई नया वायरस नहीं है। इसे पहली बार 2001 में खोजा गया था, और तब से यह समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में पाया गया है। यह सर्दियों के मौसम में अधिक सक्रिय होता है और विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ फिलहाल इसे महामारी के रूप में नहीं देख रहे हैं, लेकिन कोविड-19 के अनुभव के बाद, HMPV के मामलों की बढ़ती संख्या ने सरकारों और स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है।HMPV के प्रमुख लक्षण में सामान्य सर्दी-जुकाम, गले में खराश, खांसी, बुखार, और सिरदर्द शामिल हैं। गंभीर मामलों में यह श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हुए निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और श्वसन विफलता का कारण भी बन सकता है। बच्चों और बुजुर्गों में यह अधिक गंभीर रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि इन समूहों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सामान्य फ्लू या सर्दी-जुकाम जैसी सावधानियों का पालन करना जरूरी है।
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HMPV वायरस का प्रसार और क्या यह महामारी बन सकता ?
HMPV वायरस मुख्य रूप से हवा से फैलता है और संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने, या बातचीत करने से अन्य व्यक्तियों तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए सामानों, जैसे दरवाजों के हैंडल, टेबल्स, और अन्य सतहों पर भी यह वायरस रह सकता है। इसलिए, वायरस से बचाव के लिए व्यक्ति को मास्क पहनना, नियमित रूप से हाथ धोना, और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने की सलाह दी जाती है। HMPV कोई नया वायरस नहीं है, इसे पहली बार 2001 में खोजा गया था, लेकिन इस समय इसकी बढ़ती घटनाओं के कारण यह एक संभावित महामारी का रूप ले सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, HMPV सर्दियों के मौसम में अधिक सक्रिय हो जाता है, और इसका प्रसार काफी तेजी से होता है। हालांकि, इसे वर्तमान में महामारी के रूप में नहीं देखा जा रहा है, फिर भी कोविड-19 महामारी के अनुभव के बाद, स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए यह एक नई चुनौती बन सकता है।
क्या करें लोग?
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने से वायरस के फैलने की संभावना कम हो सकती है।
- बार-बार हाथ धोना या हैंड सैनीटाइज़र का इस्तेमाल करना।
- भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचें, खासकर उन स्थानों पर जहां वायरस के संक्रमण के मामले ज्यादा हैं।
- टी जिन लोगों को बीमारियों का खतरा अधिक है, जैसे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग, उन्हें विशेष ध्यान रखना चाहिए।