Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 05 Apr, 2025 08:11 AM
महाराष्ट्र के पुणे से एक बेहद चौंकाने वाली और दुखद घटना सामने आई है। यहां के प्रसिद्ध दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में एक गर्भवती महिला को केवल इस वजह से इलाज नहीं मिला क्योंकि परिजनों के पास पूरे पैसे नहीं थे। आरोप है कि अस्पताल ने इलाज शुरू करने से...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे से एक बेहद चौंकाने वाली और दुखद घटना सामने आई है। यहां के प्रसिद्ध दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में एक गर्भवती महिला को केवल इस वजह से इलाज नहीं मिला क्योंकि परिजनों के पास पूरे पैसे नहीं थे। आरोप है कि अस्पताल ने इलाज शुरू करने से पहले 20 लाख रुपये की मांग की और पैसे न होने पर महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया।
बीजेपी नेता के फोन का भी नहीं हुआ असर
इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात ये रही कि बीजेपी एमएलसी अमित गोरखे द्वारा अस्पताल को फोन करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। गोरखे ने बताया कि महिला के पति ने अस्पताल को 10 लाख रुपये की रसीद भी दिखाई लेकिन फिर भी उन्हें कहा गया कि पहले पूरा पैसा जमा करो, तभी इलाज होगा।
तीन अस्पताल बदले, लेकिन नहीं मिली जिंदगी
इलाज के लिए दौड़ते-दौड़ते महिला और उसके पति ने तीन अलग-अलग अस्पतालों के चक्कर लगाए। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। समय पर इलाज न मिलने की वजह से महिला की मौत हो गई। महिला जुड़वां बच्चों की मां बनने वाली थी।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
घटना की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल चैरिटी कमिश्नरेट के अंतर्गत आता है तो इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है। फडणवीस ने ये भी कहा कि मंगेशकर परिवार और लता मंगेशकर की सोच के बिल्कुल विपरीत है यह रवैया।
अस्पताल की छवि हो रही खराब - बीजेपी नेता
बीजेपी एमएलसी गोरखे ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल को अच्छे इरादों से शुरू किया गया था, लेकिन अब यह कुछ कर्मचारियों की वजह से बदनाम हो रहा है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में जिम्मेदार डॉक्टरों और कर्मचारियों को तुरंत बर्खास्त किया जाए। साथ ही अस्पतालों का मासिक ऑडिट अनिवार्य किया जाए।