Edited By rajesh kumar,Updated: 10 Sep, 2024 07:34 PM
भारत के संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। श्रम मंत्रालय के अधीन आने वाली यह संस्था कर्मचारियों के भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
नेशनल डेस्क: भारत के संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। श्रम मंत्रालय के अधीन आने वाली यह संस्था कर्मचारियों के भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। EPFO के तहत कर्मचारियों के भविष्य निधि (PF) खातों में 8.1% का ब्याज मिलता है और रिटायरमेंट के बाद पेंशन की भी सुविधा होती है।
कैसे बढ़ता है EPFO खाते का बैलेंस?
कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 12% हिस्सा हर महीने उनके EPFO खाते में जमा होता है। इसके अलावा, नियोक्ता की ओर से भी कुछ योगदान होता है। रिटायरमेंट तक EPFO खाते में कितनी राशि जमा होगी, यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे:
- कर्मचारी की उम्र: EPFO खाते में योगदान की अवधि उम्र के अनुसार बदलती है।
- मौजूदा सैलरी: जितनी ज्यादा सैलरी, उतना ज्यादा योगदान।
- सैलरी वृद्धि दर: हर साल सैलरी में होने वाली वृद्धि भी जमा राशि पर असर डालती है।
उम्र और सैलरी के अनुसार रिटायरमेंट पर कितना जमा होगा पैसा?
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25 साल की उम्र में सैलरी 25,000 रुपए :
अगर किसी कर्मचारी की उम्र 25 साल है और उसकी मौजूदा सैलरी 25,000 रुपए है, और उसकी सैलरी हर साल 5% बढ़ती है, तो 60 साल की उम्र में रिटायरमेंट के समय उसके EPFO खाते में लगभग 1,95,48,066 रुपए जमा हो जाएंगे।
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30 साल की उम्र में सैलरी 25,000 रुपए :
अगर किसी कर्मचारी की उम्र 30 साल है और उसकी मौजूदा सैलरी 25,000 रुपए है, और उसकी सैलरी हर साल 7% बढ़ती है, तो रिटायरमेंट के समय उसके EPFO खाते में करीब 1,56,81,573 रुपए जमा हो सकते हैं।
जरूरत पड़ने पर निकाल सकते हैं पैसा
EPFO खाता न केवल रिटायरमेंट के लिए बचत का जरिया है, बल्कि इसमें जमा पैसों को आपातकालीन स्थिति में निकाला भी जा सकता है। कर्मचारी को अपने भविष्य की योजना बनाते समय इन सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए ताकि वह अपने रिटायरमेंट के लिए बेहतर वित्तीय तैयारी कर सके।