किराएदारों के लिए जरूरी जानकारी: जानिए मकान मालिक कितना बढ़ा सकते हैं Rent

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 25 Apr, 2025 11:08 AM

how many times can a landlord increase the rent

घर किराए पर लेते समय मकान मालिक और किराएदार के बीच एक रेंट एग्रीमेंट बनता है। इस एग्रीमेंट में किराए की राशि और उसमें हर साल होने वाली संभावित वृद्धि का उल्लेख होता है। यह एक कानूनी दस्तावेज होता है जो दोनों पक्षों के हितों की रक्षा करता है। हालांकि...

नेशनल डेस्क। घर किराए पर लेते समय मकान मालिक और किराएदार के बीच एक रेंट एग्रीमेंट बनता है। इस एग्रीमेंट में किराए की राशि और उसमें हर साल होने वाली संभावित वृद्धि का उल्लेख होता है। यह एक कानूनी दस्तावेज होता है जो दोनों पक्षों के हितों की रक्षा करता है। हालांकि कई बार मकान मालिक इस एग्रीमेंट में तय की गई शर्तों का उल्लंघन करते हुए मनमाने ढंग से किराया बढ़ाने लगते हैं। वे बढ़ी हुई राशि को मानने के लिए दबाव डालते हैं और न मानने पर घर खाली करने की धमकी भी देते हैं। ऐसे में किराएदारों को अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जानना बेहद जरूरी है।

किराए को लेकर कानून क्या कहता है?

भारत में किराए से जुड़े मामलों को नियंत्रित करने के लिए रेंट कंट्रोल एक्ट बनाया गया है। हालांकि यह कानून हर राज्य में थोड़ा अलग-अलग हो सकता है लेकिन इसके कुछ मूल सिद्धांत पूरे देश में लागू होते हैं।

➤ रेंट एग्रीमेंट है जरूरी: कानून के अनुसार मकान मालिक और किराएदार के बीच एक लिखित रेंट एग्रीमेंट होना अनिवार्य है। इस एग्रीमेंट में किराए की राशि, सुरक्षा जमा (सिक्योरिटी डिपॉजिट), किराए में वृद्धि की शर्तें और अवधि और अन्य नियम व शर्तें स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए।

➤ मनमानी वृद्धि पर रोक: रेंट कंट्रोल एक्ट किराएदारों को मनमाने किराए वृद्धि से सुरक्षा प्रदान करता है। मकान मालिक एग्रीमेंट में तय की गई शर्तों के अनुसार ही किराया बढ़ा सकते हैं। यदि एग्रीमेंट में कोई निश्चित वृद्धि दर या समय अवधि उल्लेखित नहीं है तो मकान मालिक को उचित और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होता है। कई राज्यों में वार्षिक किराया वृद्धि 5% से 10% तक सीमित है।

➤ निष्कासन के नियम: मकान मालिक किराएदार को बिना किसी वैध कारण के घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता है। यदि मकान मालिक किराएदार को निकालना चाहता है तो उसे कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा और पर्याप्त नोटिस देना होगा। कुछ राज्यों में मकान मालिक को किराएदार को निकालने के लिए अदालत से आदेश प्राप्त करना आवश्यक होता है।

 

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➤ आवश्यक सेवाओं में कटौती नहीं: किराएदार को पानी, बिजली जैसी आवश्यक सेवाओं का अधिकार है। मकान मालिक किराएदार द्वारा किराया न देने पर भी इन सेवाओं को बंद नहीं कर सकता है।

अगर मकान मालिक करे मनमानी तो क्या करें?

यदि आपका मकान मालिक एग्रीमेंट में तय शर्तों से अधिक किराया मांगता है या आपको गैरकानूनी रूप से घर खाली करने के लिए कहता है तो आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

➤ एग्रीमेंट देखें: सबसे पहले अपने रेंट एग्रीमेंट की शर्तों को ध्यान से पढ़ें। उसमें किराए में वृद्धि और निष्कासन से संबंधित नियम स्पष्ट रूप से लिखे होंगे।

➤ मकान मालिक से बात करें: शांतिपूर्वक मकान मालिक से बात करने की कोशिश करें और उन्हें एग्रीमेंट की शर्तों और कानून के बारे में बताएं।

 

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➤ कानूनी सलाह लें: यदि बातचीत से कोई समाधान नहीं निकलता है तो आप कानूनी सलाह ले सकते हैं। एक वकील आपको आपके अधिकारों और कानूनी विकल्पों के बारे में बेहतर मार्गदर्शन कर सकता है।

➤ रेंट कंट्रोल अथॉरिटी से संपर्क करें: कई राज्यों में रेंट कंट्रोल अथॉरिटी होती है जो किराए से संबंधित विवादों का समाधान करती है। आप उनसे संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

➤ अदालत में जाएं: यदि अन्य सभी विकल्प विफल हो जाते हैं तो आप अदालत में भी जा सकते हैं।
किराएदार के तौर पर आपको अपने अधिकारों के बारे में जागरूक रहना चाहिए ताकि मकान मालिक द्वारा की जाने वाली किसी भी मनमानी का आप प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकें। एक वैध रेंट एग्रीमेंट और कानूनी जानकारी आपको अनावश्यक परेशानी से बचा सकती है।

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