किसकी सरकार में कितने हुए रेल हादसे?, आंकड़े देख चौंक जाएंगे आप

Edited By Yaspal,Updated: 18 Jun, 2024 09:14 PM

how many train accidents happened in whose government

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हुई रेल दुर्घटना के बाद से विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है। कंचनजंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी थी जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई

नेशनल डेस्कः पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हुई रेल दुर्घटना के बाद से विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है। कंचनजंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी थी जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। सोशल मीडिया से लेकर तमाम प्लेटफार्म पर विपक्ष की ओर से इस बात का दावा किया जा रहा है कि मौजूदा सरकार में रेल दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। हालांकि, रेलवे के सूत्रों ने डेटा जारी कर के विपक्ष के दावों को गलत बताया है।  हाल की रेल दुर्घटना ने इस बहस को फिर से छेड़ दिया है कि क्या 2014 के बाद से एनडीए सरकार ने रेलवे का प्रबंधन 2004-2014 की यूपीए सरकार से बेहतर किया है।

आंकड़ों के मुताबिक, 2004 से 2014 तक कुल 1,711 रेल दुर्घटनाएं हुईं। इसके विपरीत 2014 से मार्च 2023 तक, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के शासन में 638 ट्रेन हादसे हुए। UPA के कार्यकाल में ट्रेन दुर्घटनाओं में 2,453 लोगों की जान गई और 4,486 लोग घायल हुए, जबकि NDA के कार्यकाल में 781 मौतें और 1,543 लोग घायल हुए। UPA के कार्यकाल में 2004-2014 के बीच 867 ट्रेन के पटरी से उतरने के मामले दर्ज किए गए, जबकि NDA के कार्यकाल में 2014-2023 के बीच 426 ऐसी घटनाएं हुईं। UPA के शासन में प्रति वर्ष ट्रेन के पटरी से उतरने की औसत संख्या 86.7 थी। NDA के शासन में 2014 से 2023 के बीच यह संख्या घटकर 47.3 प्रति वर्ष रह गई।

आकंड़ों के अनुसार, 2004 से 2014 के बीच औसतन प्रति वर्ष 171 रेल दुर्घटनाएं हुईं। 2014 से 2023 तक यह आंकड़ा घटकर 71 प्रति वर्ष रह गया। उल्लेखनीय रूप से परिणामी रेल दुर्घटनाओं की संख्या में 2000-01 में 350 से 2022-23 में केवल 36 तक भारी कमी देखी गई। यूपीए काल में प्रति मिलियन ट्रेन किलोमीटर पर रेल दुर्घटनाओं की संख्या 2004-05 में 0.29 से घटकर 2013-14 में 0.10 हो गई। एनडीए के तहत यह आंकड़ा 2014-15 में 0.11 से घटकर मार्च 2023 में 0.037 हो गया।

वहीं, ट्रैक नवीनीकरण के लिए बजट आवंटन के संदर्भ में वित्त वर्ष 2015 और वित्त वर्ष 23 के बीच एनडीए शासन द्वारा 10,201 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय किया गया था, जबकि यूपीए शासन के तहत वित्त वर्ष 2005 से वित्त वर्ष 2014 के दौरान 4,702 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। पिछले नौ वर्षों में भारतीय रेलवे ने रेल सुरक्षा के लिए 1,78,012 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें वित्त वर्ष 24 का बजट अनुमान भी शामिल है। औसत वार्षिक व्यय 17,801 करोड़ रुपये था, जो 2014 से पहले सुरक्षा व्यय की तुलना में 2.5 गुना अधिक है।

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